________________
शब्द अस्तसमये-सूर्य डूबने के समय। भानुः-सूर्य। उदयसमये-उदयकाल में। उदयते-उगता है। हसनम्-हँसना।
प्रतिमा-मूर्ति। रजकः-धोबी।
गृहीत्वा-लेकर। दुग्धपानार्थम्-दूध पीने के लिए। गोदुग्धम्-गाय का दूध । नमनम्-नमस्कार।
आलोकचित्रम्-फ़ोटोग्राफ़।
वाक्य 1. एष भानुर् आकाशे उदयते-यह सूर्य आकाश में निकलता है। 2. यदा भानुर् उदयते तदा आकाशः रक्तो जायते-जब सूर्य निकलता है तब
आकाश लाल हो जाता है। 3. यथा उदयसमये तथा अस्तसमये अपि भवति-जैसा उदयकाल में होता है, वैसा
ही अस्तसमय में भी होता है। 4. भद्रसेनः अतीव दरिद्रः अस्ति इति त्वं न जानासि किम्-भद्रसेन अत्यन्त दरिद्र
है, क्या यह तू नहीं जानता ? 5. पश्य, सः किमर्थं हसति-देख, वह क्यों हँसता है ? 6. अहमदः मार्गे पतितः अतः सः हसति-अहमद सड़क पर गिर पड़ा, इसलिए
वह हँसता है। 7. किम् एतद् वरम् अस्ति-क्या यह ठीक है ? 8. एवं हसनं वरं नैव अस्ति-इस प्रकार हँसना ठीक नहीं है। 9. इदानीं सः रजकः वस्त्रं कुत्र नयति-अब वह धोबी वस्त्र कहां ले जाता है। 10. रजकः प्रातर् एव वस्त्रं गृहीत्वा कूपं गच्छति-धोबी सवेरे ही वस्त्र लेकर कुएँ
पर जाता है। . 11. सः तत्र गत्वा वस्त्रं प्रक्षालयति-वह वहाँ जाकर वस्त्र धोता है। 12. सः परकीयां गां किमर्थं गृहम् आनयति-वह दूसरे की गाय किसलिए घर में
लाता है ? 13. दुग्धपानार्थं गाम् आनयति-(वह) दूध पीने के लिए गाय लाता है। 14. गोदुग्धं त्वं पिबसि किम्-गाय का दूध तू पीता है क्या ?
15. गोदुग्धं मिष्टं भवति अतः तद् एव अहं पिबामि-गाय का दूध मीठा होता है, 17 इसलिए वही मैं पीता हूँ। 10 16. शृणु, अय अहं तत्र नैव गमिष्यामि-सुन, आज मैं वहाँ नहीं जाऊँगा।