________________
11. तत्र उपविश, यत्र बालकः स्वपिति-वहाँ बैठ, जहाँ बालक सोता है। 12. अत्र बालकः नास्ति-यहाँ बालक नहीं है। 13. तर्हि सः कुत्र अस्ति इति अहं न जानामि-तो वह कहाँ है, यह मैं नहीं जानता। 14. सः इदानीम् उपरि अस्ति-यह अब ऊपर है। 15. त्वं नीचैः गच्छ-तू नीचे जा।
शब्द त्यजति-छोड़ता है। त्यजसि-तू छोड़ता है। त्यजामि-छोड़ता हूँ। त्यक्त्वा-छोड़कर। त्यक्तुम्-छोड़ने के लिए। हस्तौ-दोनों हाथ। प्रक्षालयति-(वह) धोता है। प्रक्षालयसि-(तू) धोता है। प्रक्षालयामि-धोता हूँ। प्रक्षालयितुम्-धोने के लिए। प्रक्षालय-धो।
मुखम्-मुँह। पादौ-दोनों पाँव।
प्रक्षालनम्-धोना। कठिनम्-सख्त।
त्यज-छोड़। प्रथमम्-पहले।
जडः-मूर्ख।
वाक्य
1. सः हस्तौ पादौ च प्रक्षालयति-वह हाथ और पाँव धोता है। 2. अहं वस्त्रं प्रक्षालयामि-मैं कपड़ा धोता हूँ। 3. त्वम् इदानीं किं प्रक्षालयसि-तू अब क्या धोता है ? 4. त्वम् इदानीम् एव किमर्थं तत् प्रक्षालयसि-तू अभी किसलिए उसे धोता है। 5. अब सायङ्काले जलम् आनय वस्त्रं च प्रक्षालय-आज सायंकाल जल ला और
वस्त्र धो। 6. त्वम् अनृतं किमर्थं न त्यजसि-तू झूठ बोलना क्यों नहीं छोड़ता ? 7. सः असत्यं शीघ्रम् एव त्यजति-वह असत्य को जल्दी छोड़ देता है। 8. प्रथमं हस्तौ पादौ च प्रक्षालय-पहले हाथ-पैर धो। 9. पश्चात् भोजनं कुरु-बाद में भोजन कर। 10. प्रातर् एव उत्तिष्ठ मुखं च प्रक्षालय-सवेरे ही उठ और मुँह धो। 11. सः प्रातर् उत्तिष्ठति, बहिर् गच्छति, तत्र मुखं प्रक्षालयति-वह सवेरे उठता है,
बाहर जाता है, वहाँ मुँह धोता है। 12. सः उष्णं जलं न पिबति-वह गरम जल नहीं पीता। | 13. अहं शीतं जल न पिबामि-मैं ठंडा जल नहीं पीता।