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निम्न वाक्यों के संस्कृत-वाक्य बनाइए
हे विष्णुदत्त, तू कब आएगा ? मैं शाम के समय सन्ध्या करके वहाँ आऊँगा। तू वहाँ क्यों नहीं जाता ? बता, यदि तू जाएगा तो मैं अवश्य जाऊँगा। वह तुमको पीटता है। रामचन्द्र यज्ञदत्त के लिए पुस्तक नहीं देता। देख, मेरा घर कैसा अच्छा है ! मैं ठंडे पानी से स्नान करके आया। तू अब पुस्तक पढ़। मैं भोजन करके पत्र पदूंगा।
पाठ 19
शब्द
मसूराः-मसूर। तिलाः-तिल। मनुष्यः-मनुष्य। पुरुषः-मर्द। कलमः-लेखनी। मुद्गाः -मूंग। स्त्री-स्त्री। कृष्णाः -काले।
यवाः-जौ। गोधूभाः-गेहूँ, कनक। काचः-शीशा। तण्डुलाः-चावल। माषाः-माष, उड़द। सन्ति -हैं। अर्धम्-आधा।
वाक्य
1. सः पुरुषः नगरं गत्वा जलम् आनयति-वह पुरुष शहर जाकर जल लाता है। 2. तत्र गोधूमाः सन्ति परन्तु यवाः न सन्ति-वहाँ गेहूँ है परन्तु जौ नहीं है। 3. तिलाः कृष्णाः सन्ति तथा एव माषाः अपि-तिल काले हैं, माष भी वैसे ही
4. माषाः न तथा कृष्णाः यथा तिलाः-माष वैसे काले नहीं, जैसे तिल। 5. पश्य, अत्र पुरुषः अस्ति-देख, यहाँ आदमी है। 6. अत्र पुरुषः अस्ति परन्तु स्त्री नास्ति-यहाँ पुरुष है परन्तु स्त्री नहीं है। 7. दुर्गादासः किं करोति-दुर्गादास क्या करता है ? 8. बाबूरामः तत्र तिष्ठति लिखति च-बाबूराम वहाँ ठहरता है और लिखता है। 9. तव दूतः लेखितुं न शक्नोति-तेरा दूत लिख नहीं सकता। 10. मम स्त्री संस्कृतं वक्तुं शक्नोति-मेरी स्त्री संस्कृत बोल सकती है।
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