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शब्द
आरभे-मैं आरम्भ करता हूँ। आरभते-वह आरम्भ करता है। एहि-आओ। माम्-मुझे। आज्ञापयति-आज्ञा देता है। आज्ञापयामि-आज्ञा देता हूँ। तम्-उसको। इति-ऐसा, यह।
आरभसे-तू आरम्भ करता है। उपास्य-उपासना करके। कुशलः-स्वस्थ, प्रवीण। कम्बलम्-कम्बल। आज्ञापयसि-तू आज्ञा देता है। त्वाम्-तुझे। शुभम्-अच्छा। ऊर्णावस्त्रम्-ऊनी कपड़ा।
वाक्य
1. रामचन्द्रः इदानीं कुशलः अस्ति-रामचन्द्र अब स्वस्थ है। 2. सः प्रातः एव सन्ध्याम् उपास्य बहिः गच्छति-वह सवेरे ही सन्ध्या करके बाहर
जाता है। 3. सः मध्याह् आगच्छति तदा भोजनं च करोति-वह दोपहर के समय आता है ___ और तब भोजन करता है। 4. सः माम् आज्ञापयति-वह मुझे आज्ञा देता है। 5. अहं त्वां न आज्ञापयामि-मैं तुझको आज्ञा नहीं देता। 6. सः तं किमर्थम् आज्ञापयति-वह उसको किसलिए आज्ञा देता है। 7. सः तं कदापि न आज्ञापयति-वह उसको कभी आज्ञा नहीं देता। 8. एहि, पश्य एतत्-आ, इसको देख। 9. सः शुभं कर्म इदानीम् आरभते-वह अब श्रेष्ठ कार्य आरम्भ करता है। 10. अहम् इदानीं संस्कृतं पठितुम् आरभे--मैं अब संस्कृत पढ़ना प्रारंभ करता
11. त्वम् अपि किं न आरभसे-तू भी क्यों नहीं आरम्भ करता ? 12. समयः न अस्ति, अतः न आरभे-समय नहीं है, इसलिए नहीं आरम्भ करता। 13. त्वम् इदानीं कुशलः असि किम्-तू अब कुशलपूर्वक है क्या ? 14. सः तत्र गत्वा भूमि खनति-वह वहाँ जाकर ज़मीन खोदता है। 15. तत्र न गच्छ इति सः त्वाम् आज्ञापयति-वहाँ (तू) न जा, ऐसी वह तुझे आज्ञा
देता है।