________________
विनश्यति = नाश होता है । विषीदत दुःख करो ।
वाक्य
संस्कृत
(1) नृपति' भूमिं रक्षति । वृक्षे खगाः कूजन्ति ।
( 2 )
( 3 ) पर्वतस्य शिखरे मृगाश्चरन्ति । 2
(4) उद्याने बालाश्चरन्ति ।
(5) मार्गे रथाश्चरिन्त' ।
(6) ततो नरपतिरतिदूरंगत्वा वनं दर्शितवान् ।
(7) अनन्तरं रामस्वरूपोऽन्चितयत्' । (8) शृणुत, मया द्यैष' लेखो' लेखनीयः ।
( 9 ) तथाऽनुष्ठितेऽश्व" पति मुवाच ।
( 10 ) शृणु, एते ग्रामरक्षाकास्त्वया 4 हताः । एतत्तवा "या नैव " साधु कृतम् ।
(6) व्यपदेशे अपि सिद्धिः स्यात्
(1) कदाचित् वर्षासु अपि वृष्टेः अभावात् तृषार्तो गजयूथो यूथर्पातम् आह"नाथ, कोऽभ्युपायोऽस्माकं जीवनाय ।
हैं
हिन्दी
(1) राजा भूमि की रक्षा करता है
1
(2) वृक्ष के ऊपर पक्षी शब्द करते
1
(3) पर्वत के शिखर पर हरिण घूमते
हैं।
(4) बाग़ में लड़के घूमते हैं ।
(5) मार्ग में रथ घूमते हैं ।
( 6 ) पश्चात् राजा ने बहुत दूर जाकर वन दिखाया ।
(7) बाद में रामस्वरूप सोचने लगा । (8) सुनिए, मैंने आज यह लेख लिखना है ।
(9) वैसा करने पर अश्वपति नल को बोला ।
(10) सुनो, ये ग्राम के रक्षक तुमने मारे हैं। यह तुमने नहीं अच्छा किया।
( 6 ) नाम में भी सिद्धि होगी
(1) किसी समय बरसात में भी वृष्टि न होने के कारण प्यास से दुःखित हाथियों के समूह ने समुदाय के राजा से
रथाः + चरन्ति । 5. लेखः + लेखः । 10
नरपतिः+अति । तथा + अनुष्ठिते ।
1. नृपतिः + भूमि। 2. मृगाः+चरन्ति । 3. बालाः+चरन्ति । 4. 6. स्वरूपः+अचिंतयत् । 7. मया+अद्य । 8 अद्य + एष । 9 11. अनुष्ठिते+अश्व. । 12. पतिः+नलं । 13. नलं+उवाच। 14. रक्षकाः+त्वया । 15. एतत् + त्वया । 16. न+एव ।
1. कः+अभि+उपायः+अस्माकम् ।
49