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अन्य
बहुधा = अनेक प्रकार से। पुरा = प्राचीन काल में। किल = निश्चय से। यथोचित = योग्यतानुसार। इति = ऐसा। द्विधा = दो प्रकार से। दण्डवत् = सोटी के समान। वस्तुतः = सचमुच।
क्रिया जित्वा = जीत करके। निरुध्य = बंद करके। समुपवेश्य = बिठाकर। आकर्ण्य = सुनकर। प्रणम्य = प्रणाम करके। सम्पूज्य = पूजा करके। हत्वा = हनन करके। घातयित्वा = हनन करके । वृणीष्व = चुन । वरयामास = चुना। आसीत् = था। अकरोत् = करता था। प्रदास्यामि = दूंगा। प्रवर्तते = होता है। मोचयामास = खोल दिया, मुक्त कर दिया। निपातयामास = गिरा दिया। प्रतिपेदिरे = प्राप्त हुआ।
वाक्य
(1) पुरा किल कृष्णकृत्यो नाम एकः क्षत्रियः आसीत्। (2) स दृष्टाशयोऽन्यायेन राज्यमकरोत्।
(3) तेन बहवः क्षत्रियाः कासगृहे स्थापिताः।
(4) तस्मिन् राज्ये शासति न कोऽपि सुखं प्राप्तवान्।
(5) सर्वे धार्मिकाः तस्य राज्यं त्यक्त्वा अन्यत्र गताः।
(6) श्रीकृष्णः तस्य वधमिच्छन् तस्य राजधानीं गतः।
(7) तेन सह भीमोऽपि आसीत्। ; (8) भीमसेनः कृष्णकृत्येन सह मल्लयुद्धमकरोत्।
(1) प्राचीन काल में कृष्णकृत्य नामक एक क्षत्रिय था।
(2) वह दुष्टआत्मा अन्याय से राज्य करता था।
(3) उसने बहुत-से क्षत्रिय जेलखाने में डाल रखे थे।
(4) उसके राज्य शासन के समय किसी को भी सुख प्राप्त नहीं हुआ।
(5) सब धार्मिक (पुरुष) उसका राज्य छोड़कर दूसरे स्थान पर गए।
(6) श्रीकृष्ण उसके वध की इच्छा करता हुआ उसकी राजधानी में गया।
(7) उसके साथ भीम भी था।
(8) भीमसेन ने कृष्णकृत्य के साथ मल्लयुद्ध किया।
* यहाँ शासति सप्तमी है। संस्कृत में इस प्रकार के प्रयोग बहुत आते हैं, जिनका वर्णन हम आगे विस्तारपूर्वक करेंगे।
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