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जाऊँगा। 5. सः हरिद्वारं श्वः गमिष्यति-वह कल हरिद्वार जाएगा। 6. सः श्वः प्रातः जालन्धरनगरं गमिष्यति-वह कल प्रातः जालन्धर शहर जाएगा। 7. यत्र सः श्वः गमिष्यति-जहाँ कल वह जाएगा। 8. तत्र अहं परश्वः गमिष्यामि-वहाँ मैं परसों जाऊँगा। 9. त्वं परश्वः ग्रामं गमिष्यसि किम्-तू परसों गाँव जाएगा क्या ? 10. न अहम् अव सायं नगरं गमिष्यामि-नहीं, मैं आज सायंकाल शहर जाऊँगा। 11. यथा त्वं गच्छसि तथा सः गच्छति-जैसे तू जाता है, वैसे वह जाता है। 12. कथं तत्र सः श्वः न गमिष्यति-कैसे वहाँ वह कल नहीं जाएगा ? 13. सः तत्र श्वः गमिष्यति-वह वहाँ कल जाएगा।
ये वाक्य देखकर पाठकों को पता लगेगा कि वे दैनिक व्यवहार के नए वाक्य स्वयं बना सकते हैं। इसीलिए वे नए-नए वाक्य ज्ञात शब्दों से बनाने का यत्न किया करें।
अब निषेध के वाक्य देखिए1. सः सायम् उद्यानं न गच्छति-वह शाम को बाग नहीं जाता। 2. कः मध्याहे पाठशाला न गच्छति-कौन दोपहर में पाठशाला नहीं जाता ? 3. अहं रात्रौ नगरं न गच्छामि-मैं रात्रि को शहर नहीं जाता। 4. कः तत्र दिवा न गच्छति-कौन वहाँ दिन में नहीं जाता ? 5. त्वं श्वः जालन्धरं न गमिष्यसि किम्-तू कल जालन्धर नहीं जाएगा क्या ? 6. यथा त्वं न गच्छसि तथा सः न गच्छति-जैसे तू नहीं जाता वैसे वह नहीं जाता। 7. कथं सः न गच्छति-कैसे वह नहीं जाता ? 8. सः रात्रौ कुत्र-कुत्र न गमिष्यति-वह रात्रि में कहाँ-कहाँ नहीं जाएगा ? 9. यत्र-यत्र त्वं गमिष्यसि, तत्र-तत्र सः न गमिष्यति-जहाँ-जहाँ तू जाएगा, वहाँ-वहाँ
वह नहीं जाएगा।
पाठ 4
'गम्-(गच्छ)' का अर्थ 'जाना'। परन्तु उससे पूर्व 'आ' लगाने सेआगम्-उसी का अर्थ 'आना' होता है। जैसे
शब्द गच्छति-वह जाता है। गच्छसि-तू जाता है। गच्छामि-जाता हूँ।
गमिष्यति-वह जाएगा।