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पाठ 3
यदि आपने पूर्व पाठ के वाक्य तथा शब्द अच्छी प्रकार याद कर लिये हों तो अब निम्नलिखित शब्दों को याद कीजिए
सायम्-शाम को। प्रातः-प्रातःकाल। रात्रौ-रात्रि में। श्वः-कल (आगामी दिन)। परश्वः-परसों। दिवा-दिन में। मध्याहे-दोपहर में। अब-आज। मः-कल (बीता दिन)।
वाक्य 1. त्वं कुत्र सदैव प्रातः गच्छसि-तू कहाँ हमेशा ही प्रातःकाल जाता है ? 2. अहं सदैव प्रातः उद्यानं गच्छामि-मैं सदा ही प्रातःकाल बाग जाता हूँ। 3. सः सायम् उद्यानं गच्छति-वह सायंकाल बाग को जाता है। 4. अद्य अहं पाठशाला न गच्छामि-आज मैं पाठशाला नहीं जाता हूँ। 5. त्वम् अद्य पाठशालां गच्छसि किम्-तू आज पाठशाला जाता है क्या ? 6. त्वं मध्याह्ने कुत्र गच्छसि-तू दोपहर को कहाँ जाता है ? 7. अहं मध्याहे ग्रामं गच्छामि-मैं दोपहर में गाँव जाता हूँ। 8. सः दिवा नगरं गच्छति-वह दिन में नगर जाता है। 9. अहं रात्रौ गृहं गच्छामि-मैं रात्रि में घर जाता हूँ। 10. त्वं यत्र रात्री गच्छसि-जहाँ तू रात्रि में जाता है। 11. तत्र अहं दिवा गच्छामि-वहाँ मैं दिन में जाता हूँ। 12. तत्र सः प्रातः गच्छति-वहाँ वह प्रातःकाल जाता है।
शब्द
यदि-यदि, अगर । तर्हि-तो। गमिष्यसि-तू जाएमा। गमिष्यति-वह जाएगा। यथा-जैसे। तथा-वैसे। कथम्-कैसे। गमिष्यामि-मैं जाऊँगा।जालन्धरनगरम्-जालन्धर शहर को। हरिद्वारनगरम्-हरिद्वार शहर को।
वाक्य 1. यदि त्वं जालन्धरनगरं श्वः गमिष्यसि-अगर तू जालन्धर शहर को कल जाएगा। 2. तर्हि अहं हरिद्वारं परश्वः गमिष्यामि-तो मैं हरिद्वार शहर को परसों जाऊँगा। 3. यदि त्वं गमिष्यसि तदा अहं गमिष्यामि-जब तू जाएगा तब मैं जाऊँगा। 4. यदि त्वं न गमिष्यसि तर्हि अहं न गमिष्यामि-अगर तू नहीं जाएगा तो मैं नहीं
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