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सब दही चावल किसी ने खा लिए हैं ।
10. समीपे स्थितस्य अजस्य मुखे किञ्चिद् दधि दृष्ट्वा तेन एव सर्वम् अन्नं भक्षितम्
इति ज्ञात्वा तम् एव ताडयामास - पास खड़े बकरे के मुँह में थोड़ा-सा दही लगा देखकर उसने सोचा कि उसी ने सब खाया है, इसलिए उसे पीट डाला । 11. दुष्टः अपराधं स्वयं कृत्वा अन्येन सः अपराधः कृतः इति दर्शयति- दुष्ट (मनुष्य) स्वयं अपराध करके यह दिखलाता है कि दूसरे ने वह अपराध किया है । 12. मूढः तत् तथा एव अस्ति इति जानाति -जो ऐसा सोचे वह मूर्ख होता है । 13. परन्तु ज्ञानी सर्व परीक्ष्य अपराधिनम् एव यथायोग्यं ताडयति - परन्तु ज्ञानी सब प्रकार परीक्षा करके अपराधी को ही उचित दंड देता है ।
शब्द
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पालितवान् - पालन किया। पालयति - (वह) पालन करता है । पालयिष्यति - (वह ) पालन करेगा । पालयिष्यसि - (तू) पालन करेगा । पालयिष्यामि - पालन करूँगा । पालयित्वा - पालन करके । पालयितुम् - पालने के लिए। मर्कटः- बन्दर । पुष्टः - पुष्ट, मोटा-ताज़ा । स्थापयित्वा - - रखकर । तीरम् - तीर, किनारा । अत्रान्तरे - इस बीच में । दुष्टः- दुष्ट । अजः - बकरा, आत्मा, परमात्मा । अजा- बकरी, प्रकृति । दर्शयितुम् - दिखाने के लिए। ताडयामास - ताड़न किया, पीटा। अपराधः - दोष, अपराध । ज्ञानी - समझदार । परीक्ष्य - परीक्षा करके । अपराधी - गुनहगार, दोषी । पालयामि - पालन करता हूँ । पालयसि - तू पालन करता है। अजानन् - न जानता हुआ । क्षिप्त्वा - फेंककर । तावत्-तब तक । यावत् - जब तक। दृष्टवान् - देखा । निःशेषम् - सम्पूर्ण । उपविष्टः - बैठ गया । प्रयोजनम् - उद्देश्य । स्वयम् - स्वयं, खुद, अपने-आप । मूलम् - जड़ । दर्शयसि - (तू) दिखाता है । दर्शयति - (वह) दिखाता है। दर्शयिष्यति - (वह) दिखाएगा। दर्शयामि - दिखाता हूँ। दर्शयिष्यामि - दिखाऊँगा । दर्शयिष्यसि - (तू) दिखाएगा। परीक्षसे - (तू) परीक्षा करता है । दर्शयित्वा - दिखलाकर । परीक्षिष्ये- परीक्षा करूँगा । परीक्षते - परीक्षा करता है। परीक्षिष्यते - (वह) परीक्षा करेगा । परीक्षिष्षसे - (तू) परीक्षा करेगा ।
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वाक्य
1. यतः धर्मः ततः जयः । 2. धर्मः एव हतः हन्ति । 3. रक्षितः धर्मः एव रक्षति ।
पाठ 46
निरवयवः (निः अवयवः) निराकार, अवयवरहित । शब्दमयः - शब्दों से पूर्ण ।
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