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तपोयोग का फल भंते! तप से जीव क्या प्राप्त करता है?
तप से जीव व्यवदान–पूर्वसंचित कर्मों को क्षीण कर विशुद्धि को प्राप्त होता है। ____मुक्ति के दो साधन हैं-संवर और निर्जरा (तप)। संवर के द्वारा कर्मबंध का निरोध होता है और निर्जरा (तपोयोग) द्वारा पूर्व अर्जित कर्म का शोधन।
तवेणं भंते! जीवे किं जणयइ? तवेणं वोदाणं जणयइ।।
उत्तरज्झयणाणि २६.२८
१० अक्टूबर २००६
F-PERPEPAR.BABA--- ३०६
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