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धर्म्यध्यान के प्रकार
धर्म्यध्यान आज्ञा विचय, विपाक विचय, अपाय विचय और संस्थान विचय के लिए किया जाने वाला स्मृतिसमन्वाहार।
विचय का अर्थ है पर्यालोचना। विचय के लिए स्मृति का सम्यक् नियोजन करना। ध्येय (ध्यातव्य विषय) के आधार पर धर्म्यध्यान के चार प्रकार बन गए हैं
१. आज्ञा विचय २. अपाय विचय ३. विपाक विचय ४. संस्थान विचय
धम्मे झाणे चउविहे चउप्पडोयारे पण्णत्ते, तं जहाआणाविजए, अवायविजए, विवागविजए, संठाणविजए।
ठाणं ४.६५
७ सितम्बर २००६