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वाक्यरचना बोध
संस्कृत में अनुवाद करो (य प्रत्यय का प्रयोग करों)
तुम्हें मुनियों को दान देना चाहिए। हम सब को प्रभु का चिंतन करना है । किसी को भी अति ठंढा और अति गर्म पानी नहीं पीना चाहिए । साध्वियों को प्रेक्षागीत गाना है । जनता को योग्य व्यक्ति का चुनाव करना चाहिए । हमें कर्म शत्रुओं को जीतना चाहिए । सब को ज्ञान प्राप्त करना चाहिए । मुनियों को बावीस परीषह सहन करने चाहिए । सब को मधुर बोलना चाहिए । किसान को फसल जल्दी नहीं काटनी चाहिए । क्यप् प्रत्यय का प्रयोग करो
सुशील को गुरु से विद्या पढनी है । सभी को गुरुओं का आदर करना चाहिए । साध्वियों को रुग्ण और वृद्ध साध्वी की सेवा करनी चाहिए। तुम सब को प्रभु की स्तुति करनी चाहिए । राजा को दुष्टों पर शासन करना चाहिए । नरेश को सम्यक् वर्तन करना चाहिए । स्त्रियों को विकास पथ पर बढना चाहिए । विवेकशील व्यक्तियों को सदा अच्छा कार्य करना चाहिए । हमें अपनी आत्मा को ध्यान और स्वाध्याय से साफ करनी चाहिए | तुम्हें किसी की हिंसा नही करना चाहिए ।
अभ्यास
१. निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करोसर्वे समये कार्यं कृत्यम् । शिष्याः वृध्यम् । विनीताः गुरुणां पार्श्वे विद्या अधीत्या । नराः लाभे न मद्यम् । साधवः दुर्जनानां कर्कशा वाणी सह्या । शीला अधुना गृहं न गम्यम् । वयं अग्रजा: आदृत्याः | मोहनः भाषणं उद्यम् ।
२. निम्नलिखित धातुओं के य प्रत्यय के रूप बताओ
गैं, चि, लू, लभ्, गम्, तप्, सह,, वद् ।
३. निम्नलिखित धातुओं के क्यप् प्रत्यय के रूप बताओ
शास्, ष्टु, वृध्, शस्, जुष्, दुह, गुह ।
४. य और क्यप् प्रत्यय किन- किन धातुओं से होता है, बताओ ?
५. नीचे लिखे रूप किस धातु और किस प्रत्यय के हैं ?
मृज्यं, तक्यं, लभ्यं, सत्योद्यं, शिष्यः, अधीत्य: वृध्यं, मार्ग्यम् ।
६. य और क्यप् प्रत्यय के विषय में तुम क्या जानते हो ?
७. दोनों प्रत्ययों के रूपों की समानता है या भिन्नता है । उनकी पहचान क्या है ?