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पाठ २: व्यञ्जन
व्यञ्जन-जो वर्ण स्वरों की सहायता से बोले जाते हैं उन्हें व्यंजन कहते हैं । व्यंजन ३३ हैं, वे ये हैं—क,ख,ग्,घ,ङ्,च्,छ्,ज्,झ्,न्,ट्,,ड्,ढ्,ण,त्,, द्ध्,न्,प्,फ्,ब्,,म्,य,र,ल,व्,श् ष्,स्,ह ।
संयुक्तव्यंजन-दो व्यञ्जनों के संयोग से जो वर्ण बनता है उसे संयुक्तव्यंजन कहते हैं। जैसे
क् और ष मिलकर क्ष् बनता है। ज और ञ् मिलकर ज्ञ बनता है । क् और व मिलकर क्व बनता है। र और म् मिलकर म्ब नता है। म् और र् मिलकर म्र बनता है । त् और र मिलकर त्र बनता है । द् और र् मिलकर द्र बनता है। त् और य् मिलकर त्य् बनता है। प् और त् मिलकर प्त् बनता है। ल और ल मिलकर ल्ल बनता है । ह, और य मिलकर ह्य बनता है । व और र मिलकर व् बनता है। क् और र् मिलकर - बनता है। म् और न मिलकर म्न् बनता है । स् और र मिलकर स्र, बनता है । ब और द् मिलकर ब्द् बनता है। द्+र और य् मिलकर द्रय् बनता है। प+त् और य मिलकर प्त्य बनता है । श्+र और य मिलकर श्य बनता है।
व्यंजनों में दो वर्ण और हैं जो अनुस्वर और विसर्ग कहलाते हैं। अनुस्वार का चिह्न स्वर के ऊपर एक बिन्दु (-) है और विसर्ग का चिह्न स्वर के आगे दो बिन्दु (:) है-अं, अः । व्यंजनों की तरह इनके उच्चारण में भी स्वर की आवश्यकता होती है। अन्तर यह है कि स्वर इनके पहले आता है और व्यंजनों के बाद में आता है।