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अक्षर और वर्ण
संधिविचार नियम १- (समानानां सवर्णे दीर्घः सह १।२।१२) अ, इ, उ, ऋ, लु के आगे इनके ही सणिक वर्ण परे होने पर वे परस्पर दीर्घ हो जाते हैं। जैसे-दण्ड-+ अग्रम् = दण्डाग्रम् । श्री+ईशः = श्रीशः। भानु+उदयः= भानूदयः। होतृ-+ऋकार:=होतकारः । होतृ+लकारः --होतकारः । ऋ और ल परस्पर विकल्प से सवर्णिक होते हैं।
". नियम २– (अवर्णस्येवर्णादावेदोदरलः ११२।१३) अवर्ण के आगे इवर्ण, उवर्ण, ऋवर्ण और लवर्ण होने पर अवर्ण सहित इवर्ण को ए, उवर्ण को ओ, ऋवर्ण को अर् और लवर्ण को अल हो जाता है। जैसे—जिन+इन्द्रः = जिनेन्द्रः । नव- उदकम् = नवोदकम् । रमा-- उपमा - रमोपमा। जिन+ ऋद्धिः-- जिद्धिः । तव+लकारः - तवल्कारः ।
__ नियम ३-- (इवर्णादीनां स्वरे यवरलाः १।२।१) इवर्ण, उवर्ण, ऋवर्ण और लवर्ण के आगे असवर्ण स्वर होने पर इवर्ण को य, उवर्ण को व्, ऋवर्ण को र्, और लुवर्ण को ल हो जाता है । जैसे—गौरी+अत्र - गौर्यत्र । मधु+ अत्र = मध्वत्र । पितृ+अर्थः- पित्रर्थः । लु-- अनुबन्धः= लनुबन्धः ।
अभ्यास १. अक्षर और वर्ण में क्या अन्तर है ? २. शुद्धस्वर और संयुक्तस्वर कौन-कौन से हैं ? ३. किन स्वरों के योग से कौन-सा संयुक्तस्वर बनता है ? ४. किन दो स्वरों के योग से कौन-कौन सा अक्षर बनता है ? ५. ऋवर्ण के आगे असवर्ण स्वर हो तो क्या रूप बनता है ? तीन । उदाहरण दो। ६. इवर्ण के आगे समान स्वर और असवर्ण स्वर होने से क्या-क्या रूप
बनता है ? तीन-तीन उदाहरण देकर समझाओ? ७. प्लुत किसे कहते हैं ? उसका संकेत क्या है ? ८. नीचे लिखे शब्दों की संधि करो-- धन+आगमः
रत्न+-अतुल: दिन- ईशः
गिरि+ईशः सूर्य+उदयः
मधु + उदकम् राम+ऋद्धिः
पितृ+ऋणम् विद्या+आलयः
रवि+अस्तम् पाठशाला- अत्र
साधु+अयम्