________________ A isasan -131553 ayanmandirthohaturth.org आत्मशोधन के लिए प्रधानरूप से दो साधन हैं- साधना की उच्चतर भूमि पर पहुँचे हुए महापुरुषों की जीवनियों का आन्तरिक निरीक्षण और उनके उपदेशों का चिन्तन। साधना की जिस पद्धति का अनुसरण कर उन्होंने आत्मिक विशुद्धि प्राप्त की और फिर लोक-कल्याण हेतु अपने अनुभवों को भाषा के माध्यम से प्रकट किया, साधना के क्षेत्र में प्रवेश करने वालों के लिए यही दोनों मार्ग उपयोगी हो सकते हैं। (दैनन्दिनी से संकलित) -आचार्य श्री हस्ती