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________________ द्वितीयमध्ययनं द्विस्थानकम् । तृतीय उद्देशकः । रुप्पकूलाओ, दो गाहावतीओ १, दो दहवतीओ २, दो पंकवतीओ ३, दो तत्तजलाओ ४, दो मत्तजलाओ ५, दो उम्मत्तजलाओ ६, दो खारोयाओ ७, दो सीहसोताओ ८, दो अंतोवाहिणीओ ९, दो उम्मिमालिणीओ १०, दो फेणमालिणीओ ११, दो गंभीरमालिणीओ १२, दो कच्छा १, दो सुकच्छा २, दो महाकच्छा ३, दो कच्छावती ४, दो आवत्ता ५, दो णंगलावत्ता ६, दो पुक्खला ७, दो पुक्खलावती ८, दो वच्छा ९, दो सुवच्छा १०, दो महावच्छा ११, दो वच्छगावती १२, दो रम्मा १३, दो रम्मगा १४, दो रमणिजा १५, दो मंगलावती १६, दो पम्हा १७, दो सुपम्हा १८, दो महापम्हा १९, दो पम्हगावती २०, दो संखा २१, दो णलिणा २२, दो कुमुया २३, दो सलिलावती २४, दो वप्पा २५, दो सुवप्पा २६, दो महावप्पा २७, दो वप्पगावती २८, दो वग्गू २९, दो सुवग्गू ३०, दो गंधिला ३१, दो गंधिलावती ३२, दो खेमाओ १, दो खेमपुराओ २, दो रिट्ठाओ ३, दो रिट्ठपुराओ ४, दो खग्गीतो ५, दो मंजूसाओ ६, दो ओसधीओ ७, दो पुंडरिगिणीओ ८, दो सुसीमाओ ९, दो कुंडलाओ १०, दो अपराजियाओ ११, दो पभंकराओ १२, दो अंकावईओ १३, दो पम्हावईओ १४, दो सुभाओ १५, दो रयणसंचयाओ १६, दो आसपुराओ १७, दो सीहपुराओ १८, दो महापुराओ १९, दो विजयपुराओ २०, दो अवराजिताओ २१, दो अरयाओ २२, दो असोगाओ २३, दो विगयसोगाओ २४, दो विजयाओ २५, दो वेजयंतीओ २६, दो जयंतीओ २७, दो अपराजियाओ २८, दो चक्कपुराओ २९, दो खग्गपुराओ ३०, दो अवज्झाओ ३१, दो अउज्झाओ ३२, दो भद्दसालवणा, दो गंदणवणा, दो सोमणसवणा, दो पंडगवणाई, दो पंडुकंबलसिलाओ, दो अतिपंडुकंबलसिलाओ, दो रत्तकंबलसिलाओ,
SR No.032373
Book TitleSthanang Sutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayhemchandrasuri
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year2014
Total Pages432
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
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