________________
कृति-कथ्य: Jan-Jan Ka Jain Vaastu -- जन-जन का जैन वास्तु Vaastu Science -- वास्तु-विज्ञान
मूल ग्रंथकार : परमजैन चन्द्राङगज ठक्कुर फॅरु
आशीर्वाद-प्रदाता: पू. कविमनीषि वास्तु-शिल्पज्ञ आचार्यश्री जयंतसेनसूरीश्वरजी दक्षिणभारत के मूर्द्धन्य वास्तुविद् गौरु तिरुपति रेड्डी
सौजन्य-स्वीकार - राज-राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट, रतनपोल, हाथीखाना, अहमदाबाद.
संपादक: प्रा. प्रतापकुमार ज. टोलिया, सुमित्रा प्र. टोलिया
प्रकाशक : सर्वाधिकार जिनभारती वर्धमान भारती इन्टरनेशनल फाउन्डेशन प्रभात काम्पलेक्स, के.जी. रोड़, बेंगलोर - 560 009 जनहित संस्थाओं के लिए जन जन हिताय मुक्त - एक पूर्वानुमति पत्र के बाद । व्यापारिक-व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए प्रतिबंधित। Copyright reserved by Jina Bharati Free for philanthrophic organisations after prior permission letter. Restricted for commercial-business concerns.
संस्करण : प्रकाशन वर्ष : 2009 प्रथम आवृत्ति • 1000 प्रतियाँ
टाइपोसेट एवं आवरण चित्र : श्री अंशुमालिन् शहा, इम्प्रिन्ट्स, बेंगलोर-4
मुद्रक: सी.पी. इनॉवेशन्स, किलारी रोड़, बेंगलोर-53
मूल्य : अग्रिम आरक्षण : 5 प्रतियों के लिए रू.1111/= प्रकाशनोपरांत : रू. 251/= मात्र
ISBNNo. 81-901341-10
जन-जन का
जैन वास्तुसार