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________________ शब्द-सम्पत्ति चउर-सिहरम्मि (१६२.१०) = चडय-खई (८३.२) चित्तविया आढयत्तियार (६५) = चीरी रुएसु (११३.३) चेडीओ (१६७.११) छंदिऊण (८४.२४) छण्णउइ (२८४.३) छणमओ (१५.२५) छप्पणअ (३.१८) छलिउं (१३६.२३) छाउब्बाया (७६-१९) छेछइओ (७.२८) छिड्डण्णेसिणा (९९.१५) = छोणं (१०४.१५) जंग एसु (२४.१३) जंपाणेसु (२४.१३) जमल-जणओ (१२६-१९) जहारुह (६.३०) जामइल्लया (१३५,१८,, २३४, २०) जालीए (१२६.१२) जिमिओ (६६.२१) जूरइ (७८.२) जूरह (२००.२०) जूरसु (१६७.१०) जूरिय व्वं (१५९.१७) जूरिहिइ (७७.२८) जोवकारिओ (६१.१५) = झंपा (६४.२४) झंपुल्लिया (११२.१७) झत्ति (१०५.२) पर्वतशिखर- चौर शिखर गौरेया की आवाज आढ़तिया को सचेत किया (?) चोर के वृक्ष कन्यायें अनुज्ञा देकर छिपा हुआ उत्सवसदृश विदग्ध कवि स्खलित होना, हारना छायायुक्त (?) कुलटा अवसर की तलाश करने वाला फेंक कर शिविका-विशेष वाहन-विशेष जोड़े से जन्मने वाला यथारुचि, यथोचित पहरेदार लताओं का जाल भोजन किया गुस्सा करना निन्दा करना अफसोस करो खेद करना चाहिए क्रोध करेगा 'जय जय' करना एकदम से कूदना ऊँची-कूद शीघ्र, झट्टी (बुन्देलखण्डी में)
SR No.032282
Book TitleKuvalaymala Kaha Ka Sanskritik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherPrakrit Jain Shastra evam Ahimsa Shodh Samsthan
Publication Year1975
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
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