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________________ अध्याय ३० उपवेद आयुर्वेद, गान्धर्ववेद, धनुर्वेद, अर्थशास्त्र और सहायक शास्त्र - चारों वेदों और वेदांगों के अतिरिक्त चार उपवेद हैं । उनके नाम हैंआयुर्वेद, गान्धर्ववेद, धनुर्वेद और अर्थशास्त्र । ये क्रमशः आधुनिक श्रायुर्वेद संगीत, धनुविद्या और राजनीति विज्ञानों का प्रतिनिधित्व करते हैं कामशास्त्र आयुर्वेद के अन्दर ही आता है । आयुर्वेद आयुर्वेद उपवेद माना जाता है । आयुर्वेद का अर्थ है कि जिस वेद की सहायता से आयु वृद्धि होती है। जीवन में जो कुछ भी लक्ष्य है, उसे प्राप्त करने के लिए मूल कारण स्वास्थ्य है । इसके विपरीत यदि मनुष्य रोग का शिकार हो जाता है तो उसके जीवन का लक्ष्य पूरा नहीं होता । देखिए- धर्मार्थकाममोक्षाणामारोग्यं मूलमुत्तमम् । रोगास्तस्यापहर्तारः श्रेयसो जीवितस्य च । चरकसंहिता-सूत्रस्थान १.१४ आयुर्वेद का प्रयोजन न केवल रोग को ठीक कर देना है बल्कि मनुष्य के स्वास्थ्य की रक्षा करना है जिससे वह कहीं रोगों से ग्रस्त न हो जाय । देखिए- आयुर्वेदप्रयोजनं व्याध्युपसृष्टानां व्याधिपरिमोक्षः, स्वस्थस्य स्वास्थ्यस्य रक्षणञ्च ॥ सुश्रुतसंहिता - सूत्रस्थान १
SR No.032058
Book TitleSanskrit Sahitya Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorV Vardacharya
PublisherRamnarayanlal Beniprasad
Publication Year1962
Total Pages488
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size27 MB
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