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धर्मशास्त्र
ब्राह्मणसर्वस्व ग्रन्थ लिखा था । देवण्णभट्ट ने १२२५ ई० के लगभग स्मृतिचन्द्रिका ग्रन्थ को रचना की । वरदराज ने १३वीं शताब्दी ई० में एक विशाल ग्रन्थ स्मृतिसंग्रह लिखा था । उसका केवल एक भाग व्यवहारनिर्णय आजकल प्राप्त है | हेमाद्रि ने १२७० ई० के लगभग चतुर्वर्ग चिन्तामणि ग्रन्थ लिखा है। इसमें उसने व्रत, दान, तीर्थ और मोक्ष इन चारों विषयों का संकलन किया है और साथ ही एक परिशिष्ट भी दिया है । इसमें अनेक लेखकों के ग्रन्थों से उद्धरण दिए गए हैं, अतः यह ग्रन्थ बहुमूल्य है । विश्वेश्वर ( लगभग १४०० ई० ) को मदनपारिजात ग्रन्थ का लेखक माना जाता है । इसमें धार्मिक कर्तव्यों और उत्तराधिकार के नियमों का वर्णन है । इसी समय को अन्य दो रचनाएँ हैं - चंडेश्वर का स्मृतिरत्नाकर और पराशरस्मृति के टीकाकार माधव का कालमाधवीय । १५वीं शताब्दी ई० में वाचस्पति ने चिन्तामणि नाम से कई छोटे ग्रन्थ लिखे हैं । १६वीं शताब्दी ई० में ये ग्रन्थ लिखे गए - उत्कल के प्रतापरुद्रदेव ने सरस्वतीविलास ग्रन्थ लिखा । रघुनन्दन ने अग्निपरीक्षा और पद्धति विषय पर तत्त्व नामक कई छोटे ग्रन्थ लिखे हैं । वैद्यनाथ दीक्षित ने स्मृतिमुक्ताफल ग्रन्थ लिखा है । १७वीं शताब्दी ई० में ये ग्रन्थ लिखे गए - भट्टोजिदीक्षित ने तिथिनिर्णय ग्रन्थ लिखा । कमलाकर भट्ट ( १६१२ ई० ) ने निर्णयसंषु ग्रन्थ लिखा । नीलकण्ठ ( १६३० ई० ) ने भगवन्तभास्कर ग्रन्थ लिखा और मित्र मिश्र ने विश्वकोश के तुल्य एक बीरमित्रोदय ग्रन्थ लिखा ।
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