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________________ २२२ संस्कृत साहित्य का इतिहास विषय की दृष्टि से भास के नाटकों को चार भागों में बाँटा जा सकता है । इनमें से दो रामायण पर आधारित है, ६ महाभारत पर, एक कृष्ण के जीवन पर और चार कहानियों पर आश्रित है । रामायण पर आधारित भास के नाटक (१) प्रतिमानाटक । इसमें सात अंक है । इसमें दशरथ की मृत्यु से लेकर राम के राज्याभिषेक तक राम की कथा वणित है । दशरथ की मृत्यु के बाद भरत जब अयोध्या जाते हैं तब एक प्रतिमागृह में अपने मृत पूर्वजों की प्रतिमा के साथ दशरथ की प्रतिमा देखकर उन्हें ज्ञात होता है कि उनके पिता अब जीवित नही हैं । अतएव इस नाटक का नाम प्रतिमानाटक पड़ा है । सोता के अपहरण को सुनकर भरत राम की सहायता के लिए सेना भेजते हैं, परन्तु राम तब तक रावण को जीतकर लौट रहे थे और वे सेना को मार्ग में लौटते हए मिले । (२) अभिषेकनाटक । इसमें ६ अंक हैं। इसमें बाली के वध से लेकर अयोध्या में राम के अभिषेक तक राम की कथा वर्णित है। भास ने रंगमंच पर बाली का वध दिखाकर साहित्यिक परम्परा का उल्लंघन किया है। महाभारत पर आश्रित भास के नाटक (१) पंचरात्र । इसमें तीन अंक हैं । यह समवकार रूपक है। द्रोणाचार्य ने एक यज्ञ किया । दुर्योधन ने प्रतिज्ञा की कि यज्ञ की समाप्ति पर वे जो कुछ मागेंगे, वह दूंगा । द्रोण ने यज्ञ के अन्त में माँग की कि वह पाण्डवों को प्राधा राज्य दे दे। दुर्योधन ने कहा कि यदि पाँच रात्रि के अन्दर वे मिल जायँगे तो मैं ऐसा कर दूंगा । कौरव विराट के नगर से गायों को भगाकर लाने के लिए जाते हैं । पाण्डव वहाँ पर गुप्त वेष में रहते थे । उन्होंने कौरवों पर आक्रमण किया और उनको पराजित किया । वहाँ पर पाण्डवों का पता चल जाता है और दुर्योधन उन्हें आधा राज्य लौटा देता है (२) दूतवाक्य । इसमें एक अंक है । यह व्यायोग रूपक है । इसमें पाण्डवों के दूत के
SR No.032058
Book TitleSanskrit Sahitya Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorV Vardacharya
PublisherRamnarayanlal Beniprasad
Publication Year1962
Total Pages488
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size27 MB
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