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________________ ३४८ उप्फाल उफिड उप्फुस उब्बंध उब्बुड उब्भास उब्भुअ उम्माय उम्मिल्ल उम्मुंच उम्मूल उल्लल्ल उल्लस उल्लाव उल्लुंड उल्लुट्ट उल्लुह उल्लूर उल्हव उल्हा उवइस उवयुंज उवकप्प उवकर, उवगर, उवयर उवक्खड उवजा उवजीव उवजिण उवट्ठव उवणिमंत वणी उवद्दव अभिनव प्राकृत व्याकरण √ऋथ् उत् + √स्फिट् उत् + √स्पृश् उद् + √बन्ध् उद् + √ब्रुड् उद् + √भासय् उदू + √भू उद् + √मद् उद् + √मील् उद् + √मुच् उद् + √मूल उत् + √लल् उत् + √लस् उत् + √लप् वि + √रेचय् उत् + √लुट् निस् +√सृ तुड् वि + √ध्मापय् वि + √ध्मा उप + √दिश् उप + √युज् उप + √क्लप् अव + √कू, उप + √कृ उप+स्क्रू उप + √जन् उप + उप + अज् उव+स्थाप उपनि+मन्त्रय् उप + नी उप + √द्भु कहना, बोलना कुण्ठित होना, असमर्थ होना सिंचन करना फांसी लगाना, फांसी लगाकर मरना तैरना प्रकाशित करना उत्पन्न होना उन्माद करना विकसित होना., खिलना परित्याग करना उखाड़ना, उन्मूलन करना जड़ चलित होना, चंचल होना विकसित होना बकवाद करना, बोलना झरना, टपकना, बाहर निकलना नष्ट होना, ध्वंस होना निकलना तोड़ना, नाश करना ठंढा करना, आग को बुझाना बुझ जाना उपदेश देना, उपयोग करना उपस्थित करना व्याप्त करना; उपकार करना, हित करना पकाना, उत्पन्न होना आश्रय लेना उपार्जन करना सिखाना रसोई करना उपस्थित करना निमन्त्रण देना समीप में लाना उपद्रव करना
SR No.032038
Book TitleAbhinav Prakrit Vyakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorN C Shastri
PublisherTara Publications
Publication Year1963
Total Pages566
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size28 MB
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