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________________ ग्रोक और रोमन पौराणिक कथा में सरस्वती की समकक्ष देवियाँ ८१ है। ग्रीक म्यूजेज प्रथमतः तीन थीं, परन्तु अब उनकी संख्या नौ है तथा वे सब प्राचीन जेयस (Zeus) तथा मीमासीम् (Mnemosyme) की पुत्रियाँ हैं। वे सब कवित्व-बुद्धि की प्रतीक हैं और एक कवि को उस की कवि-साधना में सहायता देती हैं।२८ सरस्वती भी इसी प्रकार के कार्य से सम्बद्ध है और विशेष रूप से लौकिक साहित्य में उसे कवियों की उद्बोधिनी अथवा उन्हें अपने कवि-कर्म में उत्साह-प्रदान करने वाली स्वीकार किया गया है। उसे उत्साह की देवी माना गया है। यह अर्थ श्रीअरविन्दो ने किया है ।२९ उसे उत्साह की देवी मानने का अर्थ एक प्रकार से उसे अपूर्व कवित्व-बुद्धि अथवा काव्य-सम्बन्धी-शक्ति की उद्भावना करने वाली ही मानना है। ग्रीक पौराणिक कथा में नौ प्रकार की म्युजेज मानी गई हैं, जिन के नाम क्लीओ (Clo), यूटी (Euterpe), थालिया (Thalia), मेलपोमीन (Melpomene), टीचोर (Terpsichore), इराटो (Erato), पालिमनिया (Polymnia), यूरैनिया (Urania) तथा कैलियप्प (Calliope) है। ° ग्रीक-साहित्य में इन म्युज़ेज के स्वरूप अत्यन्त स्पष्ट हैं, क्योंकि वे भिन्न-भिन्न कार्यों और अत्यन्त निश्चित कर्तव्यों से संयुक्त हैं । क्लीओ इतिहास का प्रतिनिधित्व करती है। यूटी गायनसम्बन्धी कविता (Lyric poetry), थालिया सुखान्त, मेल्पोमीन दुःखान्त, टर्सीचोर नृत्य एवं गीत, इराटो प्रेम-गीत (Love song), पालिमनिया मधुर स्तुति (Sublime hymn), यूरेनिया ज्योतिष विद्या और कैलियप्प वीरचरित्र-सम्बन्धी काव्य का प्रतिनिधित्व करती हैं । इसी प्रकार सूनता, वार्याि३, सूर्यस्य दुहिता, ससर्परी३५, इत्यादि कविता की देवियाँ अथवा काव्य की अपूर्व बुद्धि के रूप में गृहीत हैं तथा उन्हें म्युज़ेज माना जा सकता है । ये सभी देवियाँ बाद में चलकर सरस्वती के व्यक्तित्व में घुल-मिल गई हैं तथा यह सरस्वती देवी अकेले अनेक रूपों से विद्या, कला, साइंस, २६. विजिलीयस फर्म, इन्साइक्लोपीडिया ऑफ रिलीजन, पृ० ५११ । २७. क्लैरेन्स एल० वार्न हार्ट, दि न्यु सेन्चुरी साइक्लोपीडिया ऑफ नेम्स, भाग २, (न्यूयार्क, १९५४), पृ० २८६८ । २८. विजिलीयस फर्म, पूर्वोद्धृत ग्रंथ, पृ० ५११ २६. श्रीअरविन्दो, ऑन दि वेद (अरविन्दो आश्रम, पाण्डिचेरी, १९५६), पृ० १०४-१०५ ३०. जेम्स हेस्टिङ्गस, पूर्वोद्धृत ग्रंथ, पृ० ४ ३१. ए० आर० होप मानक्रिफ, पूर्वोद्धृत ग्रंथ, पृ० ३४ ३२. ऋग्वेद, १.४०.३; १०.१४१.२३३. वही, १.८८.४ ३४. वही, ६.७२.३ ३५. वही, ३.५३.१५
SR No.032028
Book TitleSanskrit Sahitya Me Sarasvati Ki Katipay Zankiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuhammad Israil Khan
PublisherCrisent Publishing House
Publication Year1985
Total Pages164
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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