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माँ सरस्वती
श्री सम्यग्ज्ञानोपासना विभाग
कु ल्ले स्वाहा मस्तिष्कपर बाये बायी बाये | दाहिने दाहिने दाहिने
हाथ के | कुक्षी पर पैर पर | पैर पर कुक्षी पर हाथ के सांधे पर
सांधे पर मंत्र प्रभाव से कुस्वप्न, कुनिमित्त , अग्नि , बिजली, शत्रु वगैरे से रक्षा होती है । सकलीकरण पंचतत्त्वभूत शुद्धिमंत्र (तीन बार चढें-उतरें)
मंत्र- | क्षि | प | ॐ | स्वा | हा स्थान-| घुटन | नाभी | हृदय मुख शिखा रंग- | पीत | श्वेत | रक्त हरित नील तत्त्व- पृथ्वी जल अग्नि । वायु । आकाश
रक्षा कवच (मंत्र बोलते वक्त, मंत्र के नीचे दी हुई क्रिया करें) . ॐ वद वद वाग्वादिनी हाँ शिरसे नमः ।
(मस्तक पर हाथ फिराये) ॐ महापद्मयशसे हूँ योगपीठाय नमः । ॐ वद वद वाग्वादिनी हूँ शिखायै नमः । (शिखा उपर हाथ रखिये)
ॐ वद वद वाग्वादिनी हूँ नेत्र द्वयाय वषट् ।
(दोनों नेत्र पर हाथ रखें) . ॐ वद वद वाग्वादिनी ह्रौं कवचाय हूँ। | . ॐ वद वद वाग्वादिनी हूँ: अस्त्राय फट् | (अस्त्र मुद्रा करें।)
१. आव्हान मंत्र (आह्वान मुद्रा मे) ॐ नमो अणाईनिहणे तित्थयरपगासिए गणहरेहिं अणुमण्णिए, द्वादशांगपूर्वधारिणि श्रुतदेवते ! सरस्वति ! अत्र एहि एहि संवौषट् ।