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माँ सरस्वती
श्री सरस्वती साधना विभाग
श्री सरस्वती देवी के साधना जप करने पूर्व सेवारुप मांत्रिक क्रिया विधि
• स्नानादि से पवित्र होकर और शुद्ध वस्त्र परिधान करके माँ के छबी को भावपूर्ण नमस्कार करें ।
इमं विइजं पउंजामि सिज्झउ मे पसिज्झउ
यह पद एक बार बोलकर मनपसंद ४-५ स्तुति बोले, बाद में इरिया वहिया करें, सुखासन में बैठे (शरीर ढीला रखें) नीचे के मंत्र का तीन बार उच्चारण करें। श्री तीर्थंकरगणधर प्रसादात् एषः योगः फलतु मे,
सर्वलब्धिधर गौतम कृपया च • बाद मे साधक, माँ सरस्वती के मूर्ति या चित्र को केशर से तिलक करें । हाथ में वासक्षेप लिये, अन्य देव-देवियों की सहायता हेतू निम्न मंत्र बोलें । मंत्र ॐ नमो अरिहंताणं भगवईए सुअदेवयाए संतीदेवीए
चउण्हंलोगपालाणं नवण्हं गहाणं दसण्हं दिग्पालाणं षोडषविज्जादेवीओ थंभनं (स्तम्भनं) कुरु कुरु ॐ ऐं अरिहंत
देवाय नमः स्वाहा। • आराधना मे शुद्धि की नितांत आवश्यकता होती है । अतः भूमि शुद्धि मंत्र : वासक्षेप हाथ मे लेके 'ॐ भूरसि भूतधात्रिः सर्वभूतहिते भूमिशुद्धिं कुरु कुरु स्वाहा ।। धेनु मुद्रा में : 'ॐ अमृते अमृतोद्भवे अमृतवाहिनी अमृतवर्षिणी अमृतं स्रावय स्रावय ऐं क्लीं ब्लूँ द्राँ द्रीं द्रावय द्रावय स्वाहा । ऐसे बोलके अमृत घट की कल्पना किजीये ।