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________________ माँ सरस्वती ५४ श्री सरस्वती साधना विभाग सरस्वती देवी की आरती । - जय वागीश्वरी माता, जय जय जननी माता पद्मासनी ! भवतारीणी ! अनुपम रस दाता जय वागीवरी माता...१ हंसवाहिनी जलविहारिणी, अलिप्त कमल समी (२) हो देवी इन्द्रादि किन्नरने (२) सदा तुं हृदये गमी जय वागीधरी माता...२ . तुज थी पंडीत पाम्या, कंठ शुद्धि सहसा (२) हो देवी यशस्वी शिशुने करतां (२) सदा हसितमुखा जय वागीश्वरी माता...३ . ज्ञान ध्यान दायिनी, शुद्ध ब्रह्म रुपा (२) हो देवी, अगणित गुणदायिनी (२) विश्वे छो अनूपा जय वागीश्वरी माता...४ उर्ध्वगामिनी माता तुं, उर्चे लई लेजे (२) हो देवी... जन्ममरणने टाळी (२) आत्मिक सुख देजे जय वागीश्वरी माता...५ रत्नमयी ! 'एँ' रूपा, सदा य ब्रह्म प्रिया (२) हो देवी... कर कमले वीणा थी (२) शोभो ज्ञान प्रिया जय वागीश्वरी माता...६ . दोषो सहना दहतां दहतां, अक्षय सुख आपो (२) हो देवी साधक इच्छित अपी (२) शिशु उरने तर्पो जय वागीवरी माता...७ जैन साहित्य के विशिष्ट ज्ञान भंडार कहाँ-कहाँ? पालीताणा २) खंमात अहमदाबाद ४) कोबा (गांधीनगर) सुरत ६) लिमडी आग्रा ८) पूना जेसलमेर १०) पाटण जामनगर १२) उज्जैन बेंगलोर १४) कलकता मुंबई १६) जर्मनी १३) १५)
SR No.032027
Book TitleSamyag Gyanopasna Evam Sarasvati Sadhna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarshsagarsuri
PublisherDevendrabdhi Prakashan
Publication Year2007
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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