SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 57
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ माँ सरस्वती ४७ श्री सरस्वती साधना विभाग सरस्वती-साधनाशुद्धि मंत्र जप शुरु करनेसे पहले अति आवश्यक सामान्य विधी याने साधना शुद्धि। १) किसी भी प्रकारके देव-देवीयों के मंत्र जप की शुरुआत करने से पहले गुरु म.सा. की आज्ञा या अनुभवी बुजुर्गों की संमती लेवे । २) कोई भी मंत्र की शुरुआत दिनशुद्धी, चंद्रबल आदि देखके श्रेष्ठ समय पर शुरु करें। ३) मंत्र साधना हेतू तीर्थभूमी, वनप्रदेश, पर्वत, शिखर, नदीतट अथवा मंदिर-उपाश्रय या घर के एकांत स्थानपर जहाँ शांति, स्वच्छता तथा . स्वस्थता हो, वहां जप करें। ४) प्रभु या इष्ट देव-देवीयों के प्रतिमा की पूर्व दिशा मे विधीपूर्वक स्थापना करके जप करें। ५) जप दरम्यान संपूर्ण मौन रखें और शांत चित्त बनायें । ६) जप करने से पहले जगह शुद्ध करें, शुद्ध (कोरा) वस्त्र पहनें । ७) धूप-दीप तथा सुगंधित वातावरण के बीच जप चालू करें । ८) किसी भी मंत्र की शुरुआत करने से पहले कम से कम एक बांधी (१०८) नवकार महामंत्र की माला गिनें । ९) माँ सरस्वती देवी की साधना करने से पहले पवित्र स्थान पर भगवान महावीरस्वामी, गौतमस्वामी और माँ सरस्वती देवी की मूर्ती या आकर्षक फोटो सुंदर लगें, इस प्रकार रखें । उनकी स्थापना ऐसी करें कि जहां से वे न गिर जाय और वापस रखना न पडे । देवीकी पीठीका रचें । १०) मंत्र जप स्फटिक या सूत की माला से करें । इस माला से कोई अन्य मंत्र का जप न करें या किसी अन्य व्यक्ति को वह जप करने न देवे | ११) जप की दिशा-पद-आसन-माला-समय एक ही निश्चित रखें । खास कारण विना फेरफार न करें । १२) जप की जो भी संख्या निश्चित की हो, उतनी नित्य अखण्ड गिनें । बीच मे एक भी दिन खाली न जायें, इस पर खास ध्यान रखें । १३) जप करते वक्त हो सकें तो पद्मासन में, नही तो सुखासन मे बैठकर दृष्टी प्रतिमा सन्मुख या नासिकाग्र पर स्थिर कर के जप करें ।
SR No.032027
Book TitleSamyag Gyanopasna Evam Sarasvati Sadhna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarshsagarsuri
PublisherDevendrabdhi Prakashan
Publication Year2007
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy