________________ [6] एक पुद्गल को देखना पुद्गल नाचे और आत्मा देखे पुद्गल संपूर्ण संसारी नाच करे और आत्मा देखे तभी कहा जाएगा कि फुल स्टॉप आ गया। सर्व संसारी नाच करता है, ऐसा नहीं है कि 'भाई, यह हमें नहीं चाहिए। ऐसा होगा तो यह हो जाएगा, मुझे चिपक पड़ेगा।' फिल्म में काट-पीट नहीं करनी चाहिए। कुछ भाग निकाल दिया जाए तो कनेक्शन नहीं मिलेगा इसलिए पूरी फिल्म सहज होनी चाहिए। संसारी सहज फिल्म जैसी भी है वैसी बहुत अच्छी है। त्यागी को त्यागी की सहज फिल्म हो तो चलेगा। उसे सहज होनी चाहिए लेकिन बीच में कट ऑफ की हुई ऐसी नहीं चाहिए। मुझे यह नहीं चलेगा और मुझे यह चलेगा। अरे भाई, तू फिल्म को इस तरह से काटता क्यों रहता है? जो हुआ है, उसे चलने दे न यहाँ से! बहुत दिनों तक ऐसा किया है। अब ठिकाने पर आ गया है। वापस उसे फिर से उल्टा किसलिए कर रहा है? ऐसा कर-कर के ही तो इस ठिकाने तक पहुँचा है। यह चाहिए और यह नहीं चाहिए, ऐसे करते-करते ठिकाने पर आएँगे या नहीं आएँगे? अब ठिकाने पर आने के बाद वापस ऐसा ही करना है? कहता है अब मुझे छः विगई (जैन शास्त्र शब्द) का त्याग कर देना है। अरे, छोड़ न अब, विगई का त्याग करेगा तो तू खाएगा क्या? गुड़, घी, दही, मक्खन-वक्खन, वह सब विगई में आता है न? तेल-वेल सबकुछ। अरे, छोड़ने की भक्ति कर रहा है या भगवान की कर रहा है? भगवान की भक्ति कर रहा है? भगवान किस घर में हैं और वह किसकी भक्ति कर रहा है?