________________ [23] रुकावट डालने से डलें अंतराय उपादान ‘निश्चय' का, आशीर्वाद है 'निमित्त' प्रश्नकर्ता : मन में निश्चित किया होता है कि यह कार्य करना है और वह सफल नहीं हो रहा हो, फिर भी अंदर जो विलपावर है कि यह कार्य सफल होगा ही, तो क्या वह ठीक है? दादाश्री : हाँ, वह ठीक है, वह काम होगा ही। क्योंकि यदि विलपावर होगी, तो वह काम होगा ही। और विलपावर टूट गई तो वह काम नहीं हो पाएगा। विलपावर पर से हम भविष्य बता सकते हैं कि यह काम होगा या नहीं होगा। अतः जिस काम के लिए विलपावर नहीं हो तो वह काम छोड़ देना चाहिए और विलपावर हो तो वह काम पकड़कर रखना चाहिए। वह कभी न कभी होगा ही! आपकी भावना और साथ में दुआ भी चाहिए, दोनों साथ में होंगे तो काम होगा। प्रश्नकर्ता : दुआ विलपावर से आगे निकल जाती है? दादाश्री : हाँ, लेकिन दोनों साथ में चाहिए। विलपावर नहीं होगी तो दुआ कुछ भी काम नहीं करेगी। आपके विलपावर और 'यह' दुआ, दोनों मिल जाएँ तो काम सफल होगा। किसकी दुआ अधिक पहुँचती है? कि जिसे इस जगत् की कोई भी चीज़ नहीं चाहिए, किसी चीज़ की भीख नहीं हो, जिसे लक्ष्मी की भीख नहीं हो, विषय की भीख नहीं हो, मान की भीख