________________ वसूली की परेशानी (22) 339 यानी जो हीरे दिए थे वे गए तो गए, लेकिन रात को सोने नहीं देते फिर। दस दिन हो गए और वह ग्राहक ठीक से जवाब नहीं दे रहा हो तो, तभी से नींद उड़ जाती है। क्योंकि पचास हज़ार के हीरे हैं, लेकिन सेठ की जायदाद कितनी? पच्चीस लाख की होती है। अब उसमें से यदि पचास हज़ार के हीरे घटा दे तो साढ़े चौबीस लाख की जायदाद नक्की नहीं करनी चाहिए? हम तो ऐसा ही करते थे, मेरी पूरी जिंदगी में मैंने बस ऐसा ही किया समझदारी, दूसरा नुकसान नहीं होने देती सेठ के हीरों के पैसे नहीं आए फिर भी सेठानी क्या कोई चिंता करती है? तब क्या वह पार्टनर नहीं है? बराबर की पार्टनरशिप में है। अब सेठ कहता है कि, 'उसे हीरे दिए, लेकिन उसके पैसे नहीं दे रहा है।' तब सेठानी क्या कहेगी कि, 'अरे, अपना उधार होगा, पैसे नहीं आने होंगे तो नहीं आएँगे।' तब सेठ के मन में होता है कि, 'यह नासमझ क्या बोल रही है!' और यह है समझदारी का बोरा! उसने पचास हज़ार के हीरों के रुपये नहीं दिए तो तुम पच्चीस लाख की जायदाद में से पचास हज़ार कम करके साढ़े चौबीस लाख की जायदाद है, ऐसा नक्की कर लो और तीन लाख की तुम्हारी जायदाद हो तो पचास हज़ार कम करके ढाई लाख की जायदाद है, ऐसा नक्की कर लो। प्रश्नकर्ता : समाधान में रहने का यह कितना ग़ज़ब का तरीक़ा है, एकदम तुरंत ही समाधान हो जाए! दादाश्री : वह तो नक्की करके रखना, आसान रास्ता करके! मुश्किल रास्ता बनाकर क्या काम है? जो नुकसान का व्यापार करे, उसे बनिया कैसे कहेंगे? घर पर अपने पार्टनर से पूछे, पत्नी से कि, 'ये पचास हज़ार गए तो आपको कुछ दुःख हो रहा है?' तब वे कहेंगी, 'चले गए