________________ [हिन्दी नवकारस्तवन इरति सोवन पुरसो सिद्धो, शिवकुंवर इन ध्यान री माई ! / सरप फीटी हुई फूलनी माला, श्रीमती ने परधान री माई ! // 7 // यक्ष उपद्रव करतो निवार्यों, परच्यो एह परसिद्ध री माई ! / चोर चण्डपिंगल ने हुंडक, पामी सुरनर ऋद्ध री माई ! // 8 // पंच परमेष्ठी मंत्र जग उत्तम, चउदे पूरव सार री माई!।। गुण बोले 'श्रीपदमराज' गुरु, महिमा जास अपार री माई ! // 9 //