________________ (38) सेठियाजैनग्रंथमाला 56 किस के कुल में दोष नहीं है ? व्याधि ने किसे पीड़ा नहीं दी? किसे दुःख नहीं मिला?तथा किसे हमेशा सुख मिला है? 60 मनुष्य का आचार कुल को बतलाता है / बोली देश को जनाती हैं / आदर प्रेम को प्रकट करता है और शरीर भोजन को जनाता है। 61 कन्या उत्तम कुल वाले को देना चाहिए, पुत्र को विद्या पढ़ाना चाहिए, शत्रु को किसी व्यसन में फँसाना चाहिए और मित्र को धर्म कार्य में लगाना चाहिए। 62 दुर्जन और साँप, इन दोनों में साँप अच्छा है, दुर्जन अच्छा नहीं। साँप काल पाने पर काटता है और दुर्जन पद पद में सताता है। 63 राजा आदि बड़े लोग कुलीन पुरुषों का इसलिए संग्रह करते हैं कि वे आदि मध्य और अन्त में- उन्नति साधारण अवस्था और विपत्ति में-- साथ नहीं छोड़ते / 64 समुद्र प्रलय के समय अपनी मर्यादा को छोड़ देते हैं, तथा भेद की इच्छा भी रखते हैं अर्थात् सूख जाते हैं / लेकिन साधु पुरुष प्रलय होने पर भी अपनी मर्यादा नहीं छोड़ते। 65 मूर्ख को दूर करना चाहिए, क्योंकि वह देखने में तो मनुष्य है, लेकिन वस्तुतः वह दो पैर वाला पशु है। जैसे अन्धे को कांटा वेधता है, वैसे यह वचन रूपी कांटे से वेधता रहता है।