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उपदेशमालाविशेषवृत्तौ
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अणुया अहेसि सुकुमालियन्ति सुकुमालपाणिपया ||३|| इयर जुवईण भूसाहिं, रूवरेहाविसेसमावहइ । रूवाहिदेव याए, तीए तिरोहिजए एसा ॥ ४ ॥ उरउररुहाणलोयण, सुहाण तीसे कउलकन्नाण । लोणिमरूवाणऽन्नोन्न- भूसणत्तं फुडं फुरइ ॥ ५ ॥ गोरीसु दोसु सोहग्ग, सारमद्धद्धमप्पियं विहिणा । गिरिजाए जाइ (यदं) दितीए, किंतु बट्टेइ तीए पुणो ||६|| सइ तरुणलोयलोयण - चउर मिहुणाई तीए उवयंति । मुहचंदचंदिमापाणपारणाए व्व सव्वदिसं ॥ ७ ॥ अह विहरंता गामागरेसु पत्ता कयाइ तत्थ गुरू । सिरिधम्मघोससूरी, सुहं ठिया बाहिरुज्जाणे || ८ || वंदणवडियाए नरिंदनंदणा निग्गया समं पिउणा । पहुणा पारद्धा धम्मदेसणा दोससोसकरी ॥ ९ ॥ संसारखारपारावारावारीण पवहणष्पवणो । जइ - गिहिधम्मो रम्मो, परिसाए पयासिओ तीए ॥ ५० ॥ सुणिऊणेयं सम्मं, कम्ममहासिहरिसंहरणअसणं । लच्छीविच्छडुं छडिऊण ते दोवि पव्वइया ॥। ११ ॥ ससगमुणी भसगमुणी, मुणिऊणं समयसत्थपरमत्थं । गीयत्था संजाया, आया विहरिन्तु तत्थ पुणो ॥ १२ ॥ सुकुमालियं पि पव्वाविउणमपिति पत्तधम्मधुरं । सिरिरुद्दमईए पवत्तिणीए वरवत्तणीए सिवे ||१३|| पवयणपच्चलनिञ्चलचित्ता चारितचारिमं चरइ । किं पुण उव्वणरूवेण, पत्थणिज्जा जुवाणा ॥ १४ ॥ दूराओ वि दिडीओ, तीए तरुणाणमावति फुडं | अरविंद विंदमयरंदमिच्छिरीओव्व भमरीओ ॥ १५ ॥ वसहिद्वियमुवविट्ठो, मग्गे अणुमग्गलग्गओ लोओ । तं पिच्छंतो सिच्छाए, अच्छूए च्छिदियऽच्छिदुहो ।। १६ ।। तभाउ पुरो परिभा विऊण भणियं पवत्तिणीए इमं । वसहिदुवारं दोवारियब्व ते दोवि रक्खति ॥ १७॥ पइदिणमणन्नवावारवाउलाणं दिणाणि गच्छति । भइणीअंभबंभव्वयस्स मा होउ भंगोत्ति ॥ १८ ॥ चिंता कयाइ एसा, पावाएं पाडिया मए एए । हियनियनिम्मल संजम - वित्थरपरमत्थपलिमंथे ॥। १९ ।। मह बलि किज्जउ रूयं, अब्भुयभूयं किमेरिसं हूयं । जेण जणो पावइ पावभावमावइ वसहिमझे ||२०|| ससगभसगेहिं रुद्धो, कुद्धो लुद्धो य धावइ रणाय । मज्झवि ज्झाणऽज्झयणाण, झत्ति तो होइ पच्चूहो ॥ २१ ॥ कित्तियकालं आलंबणेणमेएण भाउणो एवं । चिट्ठिस्संति सकट्ठे, लट्ठे ता अणसणं काउं ॥ २२ ॥ इय वेरग्गुविग्गा, पञ्चकखइ असणखाणपाणाणं । बहुवासरेहिं अच्चतखीणकाया गया मुच्छं ॥ २३ ॥ चेट्ठा नट्ठा दिट्ठा, पत्ता पंचत्तमिय वियाणित्ता । भाऊहिं सोयतत्तेहिं,
सुकुमालिका
कथा ।
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