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________________ www न पत्रहारत्व maranand जैन पत्रकार के शिखर पुरुष डॉ. नेमीचंद जैन - डॉ. धर्मचंद जैन जैन धर्म के अभ्यासु डॉ. धर्मचन्द जी, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर के संस्कृत विभाग के आचार्य हैं। जैन पत्रकार के क्षेत्र में डॉ. नेमीचंद जी जैन एक स्वर्णिम अमिट हस्ताक्षर हैं, उन्होंने पत्रकारिता को जीवन का अभिन्न अंग मानकर जीया। पत्रकारिता उनके जीवन में रची-बसी थी। किन्तु वह उनका पेशा नहीं, अपितु आनन्ददायी शौक थी। 'तीर्थंकर' एवं 'शाकाहार क्रान्ति' मासिक पत्रिकाओं के माध्यम से उन्होंने संसार को जो कुछ दिया वह शाश्वत है। उनकी अपनी एक दृष्टि थी, विजन था जिसने शाकाहार के लिए लाखों लोगों को प्रेरित किया तथा अहिंसक जीवन-शैली का महत्त्व स्वीकार किया। वे लक्ष्यपूर्ण सोच एवं समर्पणपूर्वक उसकी क्रियान्विति में विश्वास रखते थे। मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले के बडनगर में ३ डिसम्बर 1927 को जन्मे नेमीचन्दजी ने साहित्यरत्न (1848) की उपाधि के पश्चात् हिन्दी (1952) एवं अर्थशास्त्र (1953) में एम.ए. की उपाधियाँ प्राप्त की तथा 1962 में विश्वविद्यालय, उज्जैन से 'मीली का भाषाशास्त्रीय अध्ययन' विषयक शोधप्रबन्ध पर पी-एच.डी. उपाधि प्राप्त की। 1952 से 1987 तक उन्होंने मध्यप्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों मे हिन्दी के प्राध्यापक के रुप में अध्यापन कार्य किया। उन्हें हिन्दी के साथ प्राकृत, अपभ्रंश संस्कृत, अंग्रेजी, उर्दू, गुजराती, मराठी एवं भीली भाषा का भी ज्ञान था। . एक अध्यापक होने के साथ माता-पिता के प्रति भक्तिमान विचारक थे। माता श्रीमती हीराबाई एवं पिताश्री भैयालालजी जैन की पावन-स्मृति में श्रद्धान्जलि स्वरुप 1962 में उन्होंने 'हीराभैया प्रकाशन' ૧૨૯
SR No.023469
Book TitleJain Patrakaratva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGunvant Barvalia
PublisherVeer Tattva Prakashak Mandal
Publication Year2014
Total Pages236
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size25 MB
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