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________________ २० ] वृत्तमौक्तिक कवि-वंश-परिचय चन्द्रशेखर भट्ट वासिष्ठ-वंशीय' लक्ष्मीनाथ भट्ट के पुत्र हैं । ग्रंथकार ने अपने पूर्वजों में वृद्धप्रपितामह रामचन्द्र भट्ट , पितामह रायभट्ट' और पितृचरण लक्ष्मीनाथ भट्ट का उल्लेख किया है । भट्ट लक्ष्मीनाथ ने प्राकृतपिंगलसूत्र की टीका 'पिंगलप्रदीप' में अपना वंशपरिचय इस प्रकार दिया है - भट्टः श्रीरामचन्द्रः कविविबुधकुले लब्धदेहः श्रुतो यः श्रीमान्नारायणाख्य: कविमुकुटमणिस्तत्तनूजोऽजनिष्ट । तत्पुत्रो रायभट्टः सकलकविकुलख्यातकीत्तिस्तदीयो लक्ष्मीनाथस्तनूजो रचयति रुचिरं पिंगलार्थप्रदीपम् ।। [ मंगलाचरण पद्य ५ ] इस आधार से ग्रंथकार का वंशवृक्ष इस प्रकार बनता है : रामचन्द्र भट्ट नारायण भट्ट राय भट्ट लक्ष्मीनाथ भट्ट . चन्द्रशेखर भट्ट . १-लक्ष्मीनाथ सुभट्टवर्य इति यो वासिष्ठवंशोद्भवस्तत्सूनुः कविचन्द्रशेखर इति प्रख्यातकीतिर्भुवि । [ वृत्तमौक्तिक प्रशस्ति: ५ ] २-अस्मवृद्धप्रपितामहमहाकविपण्डितश्रीरामचन्द्रभट्टविरचिते .. । [ वृत्तमौक्तिक पृ० १०७] ३-अस्मपितामहमहाकविपण्डितश्रीरायभट्टकृते । [ वृत्तमौक्तिक पृ० १२१] ४-निर्णयसागर संस्करण और प्राकृतपैङ्गलम् भा० १ में 'रामभट्टः' मुद्रित है, जो कि अशुद्ध है।
SR No.023464
Book TitleVruttamauktik
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishtan
Publication Year1965
Total Pages678
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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