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क्षुद्र प्रबन्ध मेदनिरूपणम्
जय दशरथतनय घनरथिक निरतिशयरथचलित शरदलित निशिचरनिकर हितशरणचरणजलजनिखिलजगदवनहरणचरण हृदयगतदयाकलित सकलकलरसजनतरण धीर ॥
लघुकृतभुवनातिभार रघुकुलकृताव तार साकेतपुर भूषण 'साकेत - विशेषण विश्वामित्रगणशिक्षण विश्वामित्रमखरक्षण पादाक्षयुवतिशापदण्डन फालाक्षकठिणचाप मैथिलीहृदयाभिराम शैथिलीनीतपरशुराम आहतकैकयीनियोग आचरितदण्डकायोग सुकलितभ रतानुनयन विकलितकाकै कनयन विरचितत्रिराधभुजदलन चिरकुशमुनिडगानन्द कन्दलन कारितशूर्पणखा विकार वारितखरादि -- कदनप्रकार घोरकबन्धबन्धनिर्वर्त्तन सुरसुतस्नेहानुबन्धनिर्वर्तन हनूमदावेदितदारकुशल तनूपदम्बुधिदत्तकौशल विमतानुजाभयङ्कर समदा हितमनोभयङ्कर क्षणविहित सेतुबन्धन रणदह्यमानराक्षसेन्धन निरुपमबाणपातकुम्भकर्ण 'उरबलमेघनाद निरसनलब्धवर्ण दशमुखपन्नगदैनतेय प्रशमितरिपुमुदितादितेय विभी कृतसीतानुपङ्गरुचिर विभीषणराज्याभिषेकच तुर साधितकुबेर विमानयान शोभितजटाकृतमङ्गलस्नान निजपुररत्न सिंहासनारूढ भुजविजित
1 घनरघुवीर -
, स.केत विपरितोषण-त
'फालाक्षकठिणचापविदलन मैथिलीहृदयाभिराम' इति पाठः कल्पितः ।
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4 कथनप्रकार — म
गुरुबल-त
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