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________________ १११ आठ खांडवा त्रसनाडीनी बहार बन्ने बाजुए छे. ॥ १९६ ॥ पुणरवि दोसु सालप्त,बारस दोसु य तिसु दस तिसुट्ठ॥ छ दुसु दुसु चउ खंड्य,सवे चउरुत्तरा तिसया॥१९॥ __अर्थ --( पुगरवि ) के० वली पण उपरनी (दोसु ) के० वे पंक्तिो विष ( सोलस ) के शोल खांडवा छे, तेनी उपरनी (दासु) के० बे पंक्तिने विवे ( वारस) के० बार खांडवा छे. ( य ) के० अने तेनी उपर ( तिसु ) के० त्रण पंक्तिने विषे ( दस ) के० दश खांडवा छे, अने तेनी उपर (तिसु) के० त्रण पंक्तिने विषे [अट्ट] के० आठ खांडवा छे. तेनी उपर (दुसु) के वे पंक्तिने विष (छ) के० छ खांडवा छे अने तेनी उपर ( दुसु) के० बे पंक्तिने विषे (च) के० चार खांडवा छे, ( सो) के० सर्व मली (चलरुत्तरा तिसया ) के० त्रण सो चार (खडया) के० खांडवा थाय छे, तेनी समजुती र छे के-पूर्वनी गाथामां वीश खांडवानी चार पंक्ति कही गयां छे तेनी उपर बे पंक्तिने विषे शोल शोल खांडवा छे, तेमां चार चार खांडवा त्रसनाडीमां अने छ छ खांडवा त्रसनाडीनी वहार बन्ने वाजुए छे. तेनी उपर बे पंक्तिने विषे बार वार खांडवा छे, तेमां चार चार खांडवा त्रसनाडीमां अने चार चार खांडवा सनाडीनी बहार बन्ने बाजुए छे, तेनी उपर त्रग पंक्तिने विषे दश दश खांडवा छे. तेमां चार चार खांडवा त्रसनाडीमां छे, अने त्रण त्रग खांडवा त्रसनाडीनी बहार बन्ने वाजुर छे, तेनी उपर त्रण पंक्तिने विषे आठ आठ खांडवा छे, तेमां चार खांडवा सनाडीमां छे, अने वे बे खांडवा त्रसनाडीनी बहार बन्ने बाजुए छे, तेनी उपर बे पंक्तिने विषे छ छ खांडवा छे, तेमां चार चार खांडवा त्रसनाडीमा छे अने
SR No.023435
Book TitleBruhat Sangrahani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrasuri
PublisherUmedchand Raichand Master
Publication Year1924
Total Pages272
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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