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तत्वबिन्दु;
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प्रत्यक्ष कहेछे.
१६४ प्रमाण अने प्रमेय एबेना सामान्य अने विशेष एबे भेद थायछे.
१६५ द्रव्यास्तिकनयथी दर्शनोपयोगनुं ग्रहण थायछे. दर्शनना बे
भेदछे. एक छाद्मस्थिक अने बीजुं केवलदर्शन क्षायिकछे सेमा छाद्मस्थिकना चक्षु, अचक्षु अने अवधि ए त्रण भेदछे.
१६६ पर्यायास्तिकनयथी सामान्याकार त्यागि अने विशेषाकार
ग्राहि ज्ञान ग्रहायछे. ज्ञानना बे भेदछे, एक छाद्मस्थिक अने बीजुं क्षायिक केवलज्ञान छे. तेमां छाद्मस्थिक ज्ञानना मति, श्रुत, अवधि, अने मनःपर्याय ए चार भेद छे. चक्षुदर्शन, अच. क्षुदर्शन, अवधिदर्शन अने केवलदर्शन ए चार द्रव्यार्थिफनय विषयछे माटे द्रव्यरूपछे. अने पंचज्ञानछे ते पर्यायार्थिकनय विषय होवाथी पर्यायरूपछे. दर्शन अने ज्ञान एबे साथे रहेछे.
१६७ आत्मा, ज्ञानथी विशेषाकारछे अने दर्शनथी आत्मा, सामा
न्याकारछे. सामान्य वस्तु विशेषाकारथी विकल नथी. अने