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________________ [ श्रीस्याद्यन्तरत्नाकरे केवलस्वरप्रकरणम् ] इति केवलानां स्वराणां लिङ्गादावाक्षेपपरिहारौ ॥ 4114 इति श्रीमत्तपोगणाम्बराम्बरमणि- शासनसम्राट् स्वपरसमयपारावारपारीणाऽऽ चार्यचक्रचूडामणि- कलिकालकल्पतरुकल्प- तीर्थरक्षैकदक्ष- सुगृहीतनामधेय - जगद्गुरु- परमपूज्य पूज्यपाद - परमोपकारि-भट्टारकाचार्यवर्य - श्रीमद्विजग्रनेमिसूरीश्वर - पट्टालङ्कार - व्याकरणवाचस्पति--कविरत्न --शास्त्रविशारद - विबुधशिरोमणि - परमपूज्य - परमोपकारि-श्रीमद्गुरुराजभट्टारकगणाचार्य - श्रीमद्विजयलावण्य सूरीश्वर - चरणारविन्दमिलिन्दायमान- विनेयमुनि - दक्षविजय - विरचिते श्रीस्याद्यन्तरत्नाकरे केवलस्वरप्रकरणम् ॥ २९
SR No.023407
Book TitleSyadyanta Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDakshvijay
PublisherJain Granth Prakashak Sabha
Publication Year1939
Total Pages228
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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