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श्री पार्श्वनाथ बिना कुछ भी अच्छा न लगता था । रात-दिन चिन्ता करती रहने के कारण, थोड़े ही दिनों में प्रभावती बहुत दुबली हो गई। उनकी यह दशा देखकर, माँ-बाप ने निश्चय किया, कि प्रभावती को पार्श्वकुमार के पास भेज देना चाहिये। ___जो कन्या, स्वयं ही अपने लिये पति ढूँढ लेती तथा विवाह के लिये जाती है, उसे 'स्वयंवरा' कहते हैं।
प्रभावती, रुप, गुण तथा ज्ञान की भण्डार थीं। उनकी सारे देश में प्रशंसा हो रही थी। यही कारण था, कि अच्छे-अच्छे राजालोग उनसे विवाह करने की इच्छा करते थे । कलिंग देश का राजा यवन अत्यन्त बलवान था। वह, प्रभावती के साथ विवाह करने का निश्चय किये बैठा था।
देखते ही देखते, सारे देश में यह बात फैल गई, कि प्रभावती स्वयंवरा होकर पार्श्वकुमार के पास जाती हैं । यह बात, जब राजा यवन ने सुनी, तब वह बहुत नाराज़ हुआ और कहने लगा- मेरे जीवित रहते, प्रभावती के साथ विवाह करनेवाले पार्श्वकुमार कौन होते हैं ? और प्रसेनजित् राजा की क्या मजाल है, जो