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जगड़शाह कि जैन शब्द का वास्तविक अर्थ है-जगतभर की दया पालनेवाला। ___उन्होंने, तीन-बार बड़े-बड़े संघ निकालकर पवित्र-तीर्थ शत्रुजय की यात्राएँ की । भद्रेश्वर का बड़ा-मन्दिर बनवाया और अन्य भी अनेक छोटे-बड़े मन्दिरोंकी रचना करवाई । कहाजाता है, कि उन्होंने कुल एकसौआठ मन्दिर बनवाये ।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने भद्रेश्वर में खीमली नामक एक मस्जिद भी बनवाई । यहाँ कोई यह प्रश्न कर सकता है, कि जगड़शाह के समान धार्मिकमनुष्य ने यह मस्जिद क्यों बनवाई ? तो उत्तर यह है, कि जगड़शाह एक बहुत-बड़े व्यापारी थे। उनके यहाँ देश-विदेश से व्यौपारीलोग आया करते थे। इन व्यापारियों में, बहुत-से मुसलमान-न्यौपारी भी होते थे। इन लोगों को, नमाज़-बन्दगी आदि कार्यों में मस्जिद के बिना बड़ी अड़चन पड़ा करती थी। अपने घर पर आये हुए मिहमान को यदि किसी प्रकार की असुविधा पड़े, तो घरवाले का गृहस्थधर्म नष्ट होता है । यही सोचकर उन्होंने मस्जिद बनवाई थी। इसी मस्जिद में जाकर उनके सब मुसलमान-मिहमान खुदा की बन्दगी किया करते थे ।