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जगड़शाह
भद्रेश्वर पर चढ़ाई की और शहर को बरबाद कर दिया। बहुत-सा धन-माल लूटकर, अन्त में वह अपने देश को वापस लौट गया। यह देखकर, जगड़शाह ने फिर से भद्रेश्वर का किला बनाना शुरू किया। ____ अभिमानी पीठदेव ने जब यह समाचार सुना, तो उसने जगड़शाह को कहला भेजा, कि-" यदि गधे के सिर पर सींग उगना सम्भव हो, तो तुम इस किले को बनवा पाओगे, अन्यथा कभी नहीं"। ___ जगड़शाह ने उत्तर दिया, कि-" गधे के सिर पर सींग उगाकर ही मैं इस किले को बनवाऊँगा"। इस के बाद, पीठदेव की जरा भी परवाह किये बगैर ही उन्होंने किले का काम जारी रखा। किले की दीवार में उन्होंने एक गधा खुदवाया और उसके सिर पर दो सोने के सींग रखवाये । अब तो बड़े के साथ वैर होगया था, अतः चेतकर रहने की आवश्यकता थी। इसी विचार से जगड़शाह, गुजरात के राजा विमलदेव से जाकर मिले और उन्हें सारा हाल सुनाकर उनसे एक बड़ी-सेना ले आये। इस सेना के आजाने का समाचार पाकर, पीठदेव