________________
पेथ कुमार
44
-कल में आया हुआ बनिया मांडवगढ़ का प्रधानमंत्री कैसे होगया ? अतः उसने राजा के सामने यों चुगली की, कि महाराज ! इस पेथड़कुमार के पास चित्राबेली है । वह आपके बड़े काम की चीज़ है । यदि वह आपके पास हो, तो आपका भण्डार कभी खाली ही न हो । " राजा ने, पेथड़कुमार को बुलाकर इस विषय में पूछताछ की। पेड़कुमार ने सब बातें ठीक-ठीक बतला दीं और फिर राजा से कहा, कि – “ महाराज, आज से वह चित्रावेली आपकी भेंट हैं " । यह सुनकर राजा बडे प्रसन्न हुए ।
44
।
८
पेथड़कुमार - मंत्री ने प्रजा के बहुत से कर कम करवा दिये और प्रजा को अधिक से अधिक सुखी बनाने का प्रयत्न किया ।
एक बार वे थोड़े दिनों की छुट्टी लेकर यात्रा को गये । जीरावला पार्श्वनाथ की यात्रा करके आबू पहुँचे । आबू के सुन्दर - मन्दिर देखकर उन्हें बड़ी प्रसन्नता हुई ।
आबू - पहाड़ पर अनेक प्रकार की वनस्पतियें और जड़ीबूटियें होती हैं । कहा जाता है, कि पेथड़कुमार को यहाँ से एक ऐसी वनस्पति प्राप्त हुई, जिससे सोना बनाया जासकता था । भाग्यशाली की बलिहारी है, कि चित्राबेली हाथ से जाते ही स्वर्ण - सिद्धि प्राप्त होगई ।