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________________ कुमारपाल मंत्री से कुछ राह खर्च लेकर, कुमारपाल दक्षिण की तरफ को चल दिये। इस तरह, बड़ी दूर-दूर भ्रमण करके, कुमारपाल अपने कुटुम्ब से मिलने मालवा को चले गये। वहाँ पहुँचने पर उन्हें मालूम हुआ, कि सिद्धराज मृत्युशय्या पर पड़े हैं । अतः वे अपने कुटुम्ब को लेकर गुजरात में आये। सिद्धराज, मृत्यु-शय्या पर पड़े थे । वहीं पड़ेपड़े उन्होंने उदायन मंत्री के पुत्र चाहड को गोद लिया। वे यह व्यवस्था कर रहे थे, कि राज्य कुमारपाल को न मिलकर चाहड को मिले । किन्तु इसी बीच में उन की मृत्यु होगई। यह समाचार सुनते ही, कुमारपाल पाटण आये । राज-सभा कुमारपाल की योग्यता जानती ही थी, अतः उसने इन्हें ही गादी दे दी । कुमारपाल जिस समय गादी पर बैठे, उस समय उनकी अवस्था पचास-वर्ष की थी। ___ कुमारपाल को गादी मिलते ही, उन्होंने अपने सब उपकारी मनुष्यों को याद किया । भोपालदे को अपनी पटरानी बनाई, भीमसिंह को अपना शरीररक्षक बनाया । श्रीदेवी के हाथ से अपना राज्यतिलक
SR No.023378
Book TitleHindi Granthavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhirajlal Tokarshi Shah, Bhajamishankar Dikshit
PublisherJyoti Karayalay
Publication Year1932
Total Pages398
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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