________________
कुमारपाल था। उन्होंने, कुमारपाल के लक्षणों को देखकर जान लिया, कि भविष्य में यह गुजरात का राजा होगा । अतः उन्होंने खम्भात के मंत्री उदायन के यहाँ कुमारपाल को आश्रय दिलवाया। ___ यह हाल मालूम होते ही, सिद्धराज का लश्कर कुमारपाल को ढूंढने वहाँ भी आ पहुँचा।
सेना ने वहाँ पहुँचकर उदायन के मकान की तलाशी लेना शुरू की, अतः कुमारपाल वहाँ से निकल कर उपाश्रय में आये और एक पुस्तकों के भण्डार में छिप गये। सेना के सिपाही उपाश्रय में भी आ धमके, किन्तु कुमारपाल का पता न लगा, अतः वापस लौट गये। ____ यहाँ, श्री हेमचन्द्राचार्य ने कुमारपाल से कहा, कि-" अब तुम्हारे दुःख के दिन अधिक नहीं हैं, थोड़े ही दिनों के बाद तुम्हें गुजरात का राज्य मिल जावेगा"। कुमारपाल अपनी दशा का ध्यान करके बोले, कि-"गुरु महाराज ! यह बात कैसे मानी जा सकती है ?" तब आचार्य महाराज ने उन्हें ऐसा ही होने का विश्वास दिलाया, जिसे सुनकर कुमारपालने कहा, कि-" यदि आपका वचन सत्य होजायगा, तो मैं जैनधर्म का पालन करूँगा"। इसके बाद, उदायन