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नहीं। क्या रत्न के समान कन्या यों दी जासकती है ? फिर, यदि हम आपको अपनी कन्या दें तो हमारे कुल में दाग लग जाय।
इलाचीने पूछा-"यह किस तरह ? मैं तो बनिया हूँ और तुम नट हो, फिर दाग कैसे लग जावेगा?"
नट ने कहा--"सेठजी ! आप चाहे जैसे हो, किन्तु आखिरकार हैं तो कायर की ही जाति के और हम चाहे जैसे हों, किन्तु फिर भी साहसी हैं। साहसी-जाति की कन्या कायर को नहीं दी जा सकती।" ।
इलाची बोला--" किन्तु किसी भी तरह तुम अपनी कन्या का विवाह मुझसे कर सकते हो?"
नट ने कहा--"हा, इसका एक उपाय है। तुम भी हमारी ही तरह नट बनो और हमारी विद्या में निपुणता प्राप्त करो। फिर, खेल करके किसी राजा को खुश करो
और उससे इनाम प्राप्त करो। उस इनाम की रकम से हमारी जाति की मिहमानी करो, तो हम अपनी कन्या आपको दे सकते हैं।" ___ इलाची ने कहा-" मुझे तुम्हारी बात स्वीकार है, अवश्य स्वीकार है । मैं, ऐसा ही करूँगा और तुम्हारी कन्या प्राप्त करूँगा।"