________________
फोड़ लिया है। यदि आप जाँच करेंगे, तो शेष सब
भी आपको मालूम होजावेंगी।" । चण्डप्रद्योत ने अपनी छावनी में जाँच की, तो वहाँ न्हें सोने की मुहरों से भरे हुए घड़े मिले । यह देखकर न्हें विश्वास होगया, कि अभयकुमार का लिखना सत्य है। उन्होंने तत्क्षण अपनी सेना को वापस लौटने का हुक्म दिया।
चण्डप्रद्योत को थोड़े दिनों के बाद मालूम हुआ, कि अभयकुमार ने मुझे धोखा दिया । उन्हें बड़ा क्रोध आया। उन्होंने अपनी सभा में पूछा- क्या तुम लोगों में कोई ऐसा बहादुर भी है, जो अभयकुमार को जीवित पकड़कर ला सके ?"। यह सुनकर एक वेश्या बोली-" हा महाराज, मैं तयार हूँ। अभयकुमार को जीवित ही पकड़कर आपके सामने हाज़िर करूँगी।"
उस वेश्या ने अपने साथ दो दासियें लीं और राजगृही में आ एक श्राविका बनकर रहने लगी। अहा ! कैसी धर्मिष्ठ बनकर रहने लगी, कि देखनेवाले को उसकी धार्मिकता पर पूरा विश्वास होता था । प्रतिदिन बड़े ठाट-बाट से