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________________ १४ अधिक कहने-सुनने पर अभय ने एक कहानी कहना शुरू किया:-- एक कन्या थी । उसने एक माली को यह वचन दिया था, कि मेरा विवाह चाहे जहाँ हो, किन्तु पहलीरात्रि में मैं तुझसे अवश्य मुलाकात करूँगी । थोडे दिनों के बाद उस कन्या का विवाह हुआ । विवाह के बाद, कन्या ने अपने पति से, उस माली को मिलने जाने की आज्ञा माँगी । पति ने भी, अपनी स्त्री के दिये हुए वचन के पालन के लिये आज्ञा दे दी । स्त्री माली से मिलने को जा रही थी, कि रास्ते में उसे चोर मिले। उन्होंने, स्त्री को लूटना चाहा । यह देखकर वह स्त्री बोली - " भाई ! यदि तुम मुझे लूटना चाहो, तो प्रसन्नता से लूटना, किन्तु पहले मुझे अपना एक वचन पालन करने दो। विवाह की पहली - रात में एक माली से मिलने का मैंने वादा किया है, अतः पहले मुझे उससे मिल आने दो। " चोरों ने आपस में कहा - " ऐसी कड़ीप्रतिज्ञा की पालन करनेवाली कभी झूठ नहीं बोल सकती । अच्छा इसे अभी तो जाने दो, लौटती बार लूटेंगे । ܕܕ वह स्त्री आगे चली । वहाँ उसे एक राक्षस मिला । उसने स्त्री से कहा - " मैं तुझे खाऊँगा " । स्त्री ने कहा" यदि तुम मुझे खाना चाहो, तो खा लेना, किन्तु पहले मुझे अपना वचन पालन कर आने दो। मैं लौटती बार
SR No.023378
Book TitleHindi Granthavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhirajlal Tokarshi Shah, Bhajamishankar Dikshit
PublisherJyoti Karayalay
Publication Year1932
Total Pages398
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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