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अधिक कहने-सुनने पर अभय ने एक कहानी कहना शुरू किया:--
एक कन्या थी । उसने एक माली को यह वचन दिया था, कि मेरा विवाह चाहे जहाँ हो, किन्तु पहलीरात्रि में मैं तुझसे अवश्य मुलाकात करूँगी । थोडे दिनों के बाद उस कन्या का विवाह हुआ । विवाह के बाद, कन्या ने अपने पति से, उस माली को मिलने जाने की आज्ञा माँगी । पति ने भी, अपनी स्त्री के दिये हुए वचन के पालन के लिये आज्ञा दे दी । स्त्री माली से मिलने को जा रही थी, कि रास्ते में उसे चोर मिले। उन्होंने, स्त्री को लूटना चाहा । यह देखकर वह स्त्री बोली - " भाई ! यदि तुम मुझे लूटना चाहो, तो प्रसन्नता से लूटना, किन्तु पहले मुझे अपना एक वचन पालन करने दो। विवाह की पहली - रात में एक माली से मिलने का मैंने वादा किया है, अतः पहले मुझे उससे मिल आने दो। " चोरों ने आपस में कहा - " ऐसी कड़ीप्रतिज्ञा की पालन करनेवाली कभी झूठ नहीं बोल सकती । अच्छा इसे अभी तो जाने दो, लौटती बार लूटेंगे ।
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वह स्त्री आगे चली । वहाँ उसे एक राक्षस मिला । उसने स्त्री से कहा - " मैं तुझे खाऊँगा " । स्त्री ने कहा" यदि तुम मुझे खाना चाहो, तो खा लेना, किन्तु पहले मुझे अपना वचन पालन कर आने दो। मैं लौटती बार