SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 113
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ बहुत बड़ा दुःख था। इस दुःख. को मिटाने के लिये धन्ना ने तालाब खुदवाना शुरू किया। धन्ना, हमेशा उस तालाब पर यह देखा करता, कि कितना काम हुआ है । तालाब पर एक दिन धन्ना ने अपने परिवार को देखा । परिवार के लोग तालाब पर मजदूरी करके अपना गुजर चलाते थे। धन्ना ने पहले तो परिवार के लोगों से अपनी जान-पहचान नहीं की, लेकिन फिर जान-पहचान करके उनसे सब बात पूछी। पिता ने उत्तर में कहा-कि-"बेटा ! तेरे जाने को खबर राजा को हुई, इसलिये राजा ने हमारा तिरस्कार किया। इसी कारण हमारी यह दशा हुई"। पिता का उत्तर सुनकर धन्ना को बहुत दुःख हुआ। उसने परिवार को अपने साथ रखकर फिर सुखी किया। धन्ना ने धनवान कुटुम्बों की और भी चार स्त्रियों के साथ विवाह किया। उसके सब मिलाकर आठ स्त्रियें होगई। अब वह राजगृह नगर में रहने लगा। उसके माता-पिता वहाँ अनशन करके मृत्यु को प्राप्त हुए। एक बार पन्ना स्नान करने के लिये बैठा था। मुभद्रा स्नान करा रही थी। सुभद्रा की आँखों में से टप-टप आसू गिरते थे।
SR No.023378
Book TitleHindi Granthavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhirajlal Tokarshi Shah, Bhajamishankar Dikshit
PublisherJyoti Karayalay
Publication Year1932
Total Pages398
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy