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________________ स्वायी मर गया था, इसलिये सब किराना राजा के अधिकार में आया। राजा ने सब व्यापारियों को एकत्रित होने तथा जहाँज का किराना खरीदने की आज्ञा दी । सब व्यापारी इकटे हुए। धनसार सेठ के यहाँ भी राजा का बुलौआ आया, कि आपके यहाँ से भी किसी एक व्यक्ति को राजा का बिकता हुआ किराना खरीदने के लिये भेजिये । राजा के बुलौए पर धनसार सेठ ने अपने सबसे बड़े-लड़के से कहा, कि-"धनदत्त ! किराना खरीदने के लिये जा"। धनदत्त ने पिता से उत्तर में कहा, कि-"प्रशंसा करने के लिये तो धन्ना याद आता है और काम करने के लिये धनदत्त से क्यों कहें ? मैं तो नहीं जाता, आपका समझदार-लड़का जावेगा"। धनसार सेठ ने, अपने दूसरे तथा तीसरे लड़के से भी राजा का किराना खरीदने के लिये जाने को कहा। लेकिन उनने भी धनदत्त की तरह ही उत्तर दे दिया। तब धनसार सेठ ने धन्ना से कहा, कि-"बेटा ! तू जा। धन्ना ने कहा, कि-जो पिता की आज्ञा है, वही करूँगा। यह कहकर धन्ना किराना खरीदने गया। - जहाज पर सब व्यापारी एकत्रित हुए। जहाज के किराने में से किसी व्यापारी ने केसर किसी ने क
SR No.023378
Book TitleHindi Granthavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhirajlal Tokarshi Shah, Bhajamishankar Dikshit
PublisherJyoti Karayalay
Publication Year1932
Total Pages398
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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